खेती के कामों को आधुनिक बनाने और छोटे किसानों को लाभ देने के मकसद से सरकार, पावर टिलर (Power Tiller) की खरीद पर आर्थिक सहायता (सब्सिडी) दे रही है. यह सहायता कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत दी जाती है. आइए जानते हैं कि कौन से किसान इसका फायदा उठा सकते हैं और आवेदन के लिए क्या नियम हैं?
कितनी सब्सिडी मिलती है?
इस योजना के तहत केंद्र सरकार की ओर से SC/ST, महिला, लघु एवं सीमांत किसान और पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों के लिए खेती के सामानों पर सब्सिडी दी जा रही है. इसमें 8 बीएचपी से कम पावर टिलर पर अधिकतम ₹50,000 की सब्सिडी (50% सहायता) मिलेगी. 8 बीएचपी और उससे अधिक पावर टिलर पर अधिकतम ₹75,000 की सब्सिडी (50% सहायता) मिलेगी. 8 बीएचपी से कम पावर टिलर पर अधिकतम ₹40,000 (40% सहायता) दी जाएगी. 8 बीएचपी और उससे अधिक पावर टिलर पर अधिकतम ₹60,000 (40% सहायता) मिलेगी.
पावर टिलर क्या है?
पावर टिलर दो पहियों वाला छोटा ट्रैक्टर होता है, जो जमीन की जुताई, बीज बोने, खरपतवार हटाने और सिंचाई जैसे कामों के लिए किया जाता है. यह खासतौर पर छोटे और सीमांत किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है. पावर टिलर पर सब्सिडी योजना, विशेषकर छोटे किसानों के लिए, खेती के कामों को आसान और किफायती बनाने का माध्यम है. अगर इसे सही तरीके से लागू किया जाए और बैंक लोन सुविधा में सुधार किया जाए, तो यह योजना किसानों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.
सब्सिडी के लिए पात्रता और आवेदन
किसान को जमीन का मालिक होना चाहिए. संबंधित दस्तावेज जैसे पहचान पत्र, भूमि दस्तावेज़, बैंक पासबुक, किसान प्रमाण पत्र आदि की जरूरत होती है. आवेदन राज्य सरकार के कृषि विभाग या संबंधित पोर्टल (जैसे ई-मित्र) के माध्यम से किया जा सकता है.
कौन-कौन से ब्रांड्स मौजूद?
सरकार द्वारा कई प्रमाणित कंपनियों के पावर टिलर सब्सिडी के अंतर्गत शामिल किए गए हैं, जैसे: Greaves Cotton Ltd., VST Tillers, Kubota, Kirloskar, KAMCO, Shrachi, Indra Marshal, आदि.