योगी सरकार की नई पहल, मक्का उत्पादन 2027 तक होगा दोगुना

सरकार मक्के के हर प्रकार के बीजों पर किसानों को 15,000 रुपये प्रति क्विंटल तक का सब्सिडी दे रही है. इस योजना में संकर, देशी पॉपकॉर्न, बेबी कॉर्न और स्वीट कॉर्न के बीज शामिल हैं.

Noida | Updated On: 8 Mar, 2025 | 05:52 PM

मक्का भारतीय कृषि की एक महत्वपूर्ण फसल है, जिसे अनाजों की रानी भी कहा जाता है. इसकी बढ़ती मांग और बहुपयोगिता को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने 2027 तक मक्के का उत्पादन दोगुना करने का लक्ष्य रखा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में “त्वरित मक्का विकास योजना” शुरू की गई है, जिसमें किसानों को आधुनिक तकनीकों और आर्थिक सहायता के माध्यम से प्रोत्साहित किया जा रहा है.

मक्का उत्पादन में उछाल

वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 8.30 लाख हेक्टेयर भूमि पर मक्के की खेती की जा रही है, जिससे करीब 21.16 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन हो रहा है. सरकार की योजना इसे 2027 तक 27.30 लाख मीट्रिक टन तक बढ़ाने की है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए खेती के क्षेत्र में वृद्धि और प्रति हेक्टेयर उपज बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है.

सरकारी सहायता और अनुदान

सरकार मक्के के हर प्रकार के बीजों पर किसानों को 15,000 रुपये प्रति क्विंटल तक का सब्सिडी दे रही है. इस योजना में संकर, देशी पॉपकॉर्न, बेबी कॉर्न और स्वीट कॉर्न के बीज शामिल हैं. पर्यटक क्षेत्रों में पॉपकॉर्न, बेबी कॉर्न और स्वीट कॉर्न की बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार इन्हें भी प्रोत्साहित कर रही है. इसके अलावा, सरकार किसानों को ड्रायर मशीन पर 12 लाख रुपये और पॉपकॉर्न मशीन पर 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता भी दे रही है.

हर मौसम में उगाई जा सकती है मक्का

मक्का एक ऐसी फसल है, जो रबी, खरीफ और जायद, तीनों फसली मौसमों में उगाई जा सकती है. यह हर प्रकार की भूमि में अच्छी पैदावार देती है और सहफसली खेती के लिए भी उपयुक्त है. इसकी खेती से किसानों की आय में वृद्धि होने की संभावना है.

मक्का के उपयोग और औद्योगिक संभावनाएं

मक्का केवल खाद्य पदार्थ के रूप में ही नहीं, बल्कि औद्योगिक रूप में भी बेहद महत्वपूर्ण है. इसका उपयोग इथेनॉल उत्पादन, पशु एवं कुक्कुट आहार, दवा, कॉस्मेटिक, वस्त्र, पेपर और एल्कोहल उद्योग में किया जाता है. इसके अलावा, मक्के का आटा, धोकला, बेबी कॉर्न और पॉपकॉर्न के रूप में भी यह लोकप्रिय है.

कृषकों की आय बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास

सरकार किसानों को मक्का की खेती के उन्नत तरीकों की जानकारी देने के लिए जगह-जगह गोष्ठियों का आयोजन कर रही है. साथ ही, बीज प्रतिस्थापन दर को भी बढ़ाया जा रहा है, जिससे किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज मिल सकें.

भविष्य की संभावनाएं और बढ़ती मांग

मक्के की उपयोगिता को देखते हुए इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है. इस बढ़ी हुई मांग का अधिकतम लाभ प्रदेश के किसानों को मिले, इसके लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के दायरे में लाकर सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिले.

Published: 9 Mar, 2025 | 02:00 PM