किसानों के लिए लाइफलाइन से कम नहीं है किसान केडिट कार्ड, जानें इसके बारे में

किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत सन् 1998 में हुई थी. तब सरकार ने किसानों को उनकी जोत के आधार पर क्रेडिट कार्ड जारी किए थे. 31 जनवरी, 2024 तक अधिकतम 9.4 लाख करोड़ रुपये के साथ 7.50 करोड़ केसीसी वितरित किए हैं.

Noida | Published: 22 Mar, 2025 | 05:18 PM

किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) एक ऐसी योजना, जो किसानों को उर्वरक और बीज जैसी खेती के लिए जरूरी चीजें खरीदने में सुविधा मुहैया कराती है. इस योजना की वजह से किसानों को आसानी से पैसे मिलते हैं जिससे वह अपनी जरूरतों की चीजों को खरीद सकते हैं. साथ ही साथ उत्पादन की जरूरतों को पूरा करने के लिए भी कैश मिलता है. किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना की शुरुआत सन् 1998 में हुई थी. तब सरकार ने किसानों को उनकी जोत के आधार पर क्रेडिट कार्ड जारी करने की शुरुआत की थी. इस योजना को आप किसानों की लाइफ लाइन भी कह सकते हैं.

क्‍या है किसान क्रेडिट कार्ड

भारतीय खेती में किसानों को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए और मनमाफिक उपज हासिल करने के लिए समय-समय पर कर्ज की जरूरत पड़ती है. भारत सरकारक की तरफ से समय-समय पर किसानों की मदद के लिए कई वित्‍तीय सहायता योजनाएं बनाई गई हैं. किसान क्रेडिट कार्ड भी ऐसी ही एक योजना है. इस स्‍कीम के जरिये किसानों को उनकी ऋण जरूरतों को पूरा करने के लिए रियायती दरों पर संस्थागत कर्ज हासिल हो पाता है.

कितनी बार हुए बदलाव

इस कार्यक्रम ने खेती के क्षेत्र में गैर-संस्थागत ऋण पर निर्भरता कम की है. साथ ही किसानों को आसान वित्‍तीय सहायत के विकल्‍प मुहैया कराए हैं. 31 जनवरी, 2024 तक, बैंकों ने अधिकतम 9.4 लाख करोड़ रुपये के साथ 7.50 करोड़ केसीसी वितरित किए हैं. इस योजना में समय-समय पर कई बदलाव भी हुए हैं. साल 2004 में, इसे गैर-कृषि गतिविधियों के लिए किसानों की निवेश ऋण जरूरतों को पूरा करने योग्‍य भी बनाया गया. साल 2012 में, इलेक्ट्रॉनिक केसीसी अस्तित्व में आया. हाल ही में, सरकार ने केसीसी के तहत ब्याज सब्सिडी के लाभों को पशुपालन और मत्स्य पालन क्षेत्र तक बढ़ा दिया है.

KCC योजना का मकसद

केसीसी पहल का मकसद किसानों को एक सुव्यवस्थित सिंगल-विंडो प्रक्रिया के जरिये उनकी अल्पकालिक और दीर्घकालिक ऋण जरूरतों को तेजी से पूरा करना और पर्याप्‍त पूंजा मुहैया कराना है. इस योजना में किसानों की इन ऋण जरूरतों को पूरा किया जाता है-

तत्काल उधार लेने की जरूरतें
फसल उगाना
वस्तुओं और सेवाओं की जरूरतें
व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए ऋण
कटाई के बाद के कार्यों की लागत
खेती के उपकरणों और संबंधित कामों के रखरखाव के लिए जरूरी धन
दीर्घकालिक ऋण की जरूरतें
ट्रैक्टर जैसे कृषि उपकरण खरीदना
खेती से संबंधित कार्यों में निवेश करना
छोटे पैमाने पर पानी देने
भूमि में सुधार करने पर खर्च किया गया धन

कितनी है कर्ज की लिमिट

केसीसी के लिए कुल सीमा ऋण तीन लाख रुपये प्रति वर्ष है जिसमें पशुपालन या मछली पकड़ने के काम में शामिल हर किसान को अधिकतम दो लाख रुपये है. सीमांत किसान फ्लेक्सी केसीसी के जरिये 10,000 रुपये से 50,000 रुपये तक की अधिकतम सीमा प्राप्त कर सकते हैं.

कर्ज में ब्याज पर छूट!

तीन लाख रुपये तक के अल्पकालिक फसल ऋण के लिए, अगर कर्ज समय पर वापस नहीं किया जाता है तो 1.50 फीसदी की ब्याज छूट है. वहीं अगर किसान समय पर ऋण वापस कर देते हैं तो तीन प्रतिशत तक की छूट है. यह छूट हर साल 7 फीसदी साधारण ब्याज दर पर लागू होती है. यह योजना 5 साल के लिए वैध है, लेकिन बैंक इसकी नियमित रूप से समीक्षा करते हैं.

ऋण वापसी अवधि

फसल ऋण चुकाने का समय इस बात पर निर्भर करता है कि फसल कब कटेगी और कब बिकेगी. टर्म लोन के लिए यह निवेश के प्रकार पर निर्भर करता है. मत्स्य पालन और पशुपालन के लिए, वापसी अवधि इस आधार पर निर्धारित की जाती है कि उन गतिविधियों से पैसा कैसे कमाया जाता है.

विड्रॉल लिमिट

यह योजना फसलों के प्रकार के आधार पर अल्पकालिक जरूरतों के लिए नकद ऋण पर एक सीमा निर्धारित करती है. किसान अपने खेत को बनाए रखने, फसल उगाने और व्यक्तिगत उपयोग के लिए आवश्यकतानुसार पैसे निकाल सकते हैं. इस योजना में निकासी और जमा की संख्या पर कोई सीमा नहीं है. केसीसी का अल्पकालिक हिस्सा एक नकद ऋण विकल्प है जिसका बार-बार उपयोग किया जा सकता है.

दुर्घटना बीमा

केसीसी वाले लाभार्थियों के पास व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा होता है जो आजीवन विकलांगता और मृत्यु के लिए 50,000 रुपये तक और बाकी जोखिमों के लिए 25,000 रुपये तक का कवर देता है.

इलेक्ट्रॉनिक किसान कार्ड

किसानों के लिए सभी नए केसीसी अब स्मार्ट कार्ड होंगे जो बैंक कार्ड के रूप में भी काम करेंगे. इसके अतिरिक्त, उन्हें एक स्मार्ट कार्ड मिलेगा जो उनके मौजूदा केसीसी को रिफ्रेश करने पर डेबिट कार्ड के रूप में भी काम करेगा.

बाकी सुविधाएं

किसानों को एक RuPay कार्ड मिलता है जो एटीएम पर काम करता है. केवल एक बार डॉक्‍यूमेंट्स देने की जरूरत होती है और लिमिट में वृद्धि होती रहती है.

योजना के तहत कौन है योग्‍य

किसान वे व्यक्ति या समूह होते हैं जो अपने खेतों के मालिक होते हैं और उन पर काम करते हैं.
किराएदार किसान, प्रत्यक्ष जमींदार और बटाईदार.
ज्‍वॉइन्‍ट लायबिलिटी ग्रुप (जेएलजी) या सेल्‍फ हेल्‍प ग्रुप (एसएचजी) किसानों के समूह होते हैं.इनमें वो लोग भी शामिल होते हैं जो खेत को बटाई पर लेते हैं या किराए पर लेते हैं.

कौन-कौन से डॉक्‍यूमेंट्स जरूरी

पासपोर्ट साइज की फोटो के साथ सही से भरा हुआ फार्म और साइन किया हुआ एप्‍लीकेशन फॉर्म जमा कर दें.
पैन कार्ड और फॉर्म 60 के साथ आधार कार्ड की डुप्लीकेट कॉपी
फोटो नाम, पता और सिग्‍नेचर का प्रूफ
खसरा और सातबारा रिकॉर्ड समेत भूमि के बारे में जानकारी और भूमि मूल्य पर एक रिपोर्ट
फसल बीमा और व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना (PAIS) का उपयोग करने के लिए एफिडेविट
टाई-अप योजनाओं के लिए एग्रीमेंट
सुरक्षा या बाकी जरूरी डॉक्‍यूमेंट

कार्ड कैसे करें अप्‍लाई

उस बैंक की वेबसाइट पर जाएं जहां आप KCC के लिए अप्‍लाई करना चाहते हैं.
लिस्‍ट में किसान क्रेडिट कार्ड विकल्प चुनें.
नए पेज पर अप्‍लीकेशन फॉर्म खोलने के लिए ऑनलाइन अप्‍लीकेशन करें बटन पर क्लिक करें.
अप्‍लीकेशन फॉर्म को पूरा करें और भेजें बटन दबाएं.
फॉर्म सबमिट करने के बाद आपको अपने आवेदन की निगरानी के लिए एक ट्रैकर आईडी मिलेगी.
अगर आप योग्य हैं तो बैंक आपसे 3-4 दिनों में संपर्क करेगा.