यूपी में कृषि यंत्रों पर मिल रही 50 फीसदी तक सब्सिडी, जानें कैसे करें अप्‍लाई

उत्‍तर प्रदेश के किसानों को यंत्रों पर सरकार की तरफ से सीमांत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के किसानों को कृषि उपकरण खरीदने पर 50 फीसदी तक की सब्सिडी दी जाती है.

Noida | Published: 20 Mar, 2025 | 05:24 PM

उत्‍तर प्रदेश के किसानों को राज्‍य सरकार की तरफ से कुछ खास यंत्रों पर अच्‍छी-खासी सब्सिडी मुहैया कराई जा रही है. कृषि विभाग की तरफ से सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन योजना और प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं. इन योजना के तहत किसानों को ड्रोन से लेकर कई तरह की मशीनरी मुहैया कराई जा रही है. राज्‍य सरकार का मकसद है किसानों के फसल अवशेष जलाने की जगह उनका सही से प्रबंधन सिखाया जाए.

50 फीसदी तक सब्सिडी

सरकार की तरफ से पौटैटो डिगर, हैरो, कल्टीवेटर, पावर चैफ कटर, स्टारीपर, रोटावेटर, कम्बाइन हार्वेस्टर विद सुपर एसएमएस, किसान ड्रोन, फार्म मशीनरी बैंक, बेलर, हे-रेक, रीपर कम बाइंडर और सुपर सीडर, बेलर, हे-रेक, रीपर कम बाइंडर और सुपर सीडर पर सब्सिडी दी जाती है. किसानों को इन यंत्रों पर सरकार की तरफ से इसके तहत सीमांत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के किसानों को कृषि उपकरण खरीदने पर 50 फीसदी तक की सब्सिडी दी जाएगी.

इस योजना का लाभ केवल राज्य के सीमांत और कमजोर वर्ग के किसान उठा सकेंगे. किसानों को https://agridarshan.up.gov.in पर ऑनलाइन अप्‍लाई करना होगा. किसान को 10,001 से 1,00,000 रुपये तक के सब्सिडी वाले कृषि यंत्रों की बुकिंग हेतु 2500 रुपये बतौर सिक्योरिटी मनी देने होंगे. जबकि एक लाख रुपये से ज्‍यादा की सब्सिडी वाले यंत्रों के लिए किसानों को 5,000 रुपये जमा करने होंगे.

कौन-कौन से डॉक्‍यूमेंट्स जरूरी

अगर आपको इस योजना का फायदा लेना है तो आपके पास इन डॉक्‍यूमेंट्स का होना जरूरी है:

आधार कार्ड
निवास प्रमाण पत्र
आय प्रमाण पत्र
जाति प्रमाण पत्र
मोबाइल नंबर
पासपोर्ट साइज फोटो

इस योजना की शर्तें

इस योजना का फायदा सिर्फ उत्‍तर प्रदेश के स्थायी निवासियों को ही मिलेगा.
किसान परिवार के किसी एक सदस्‍य को ही इसका फायदा मिलेगा.
यह योजना विशेष तौर पर सीमांत और पिछड़े वर्ग के किसानों के लिए शुरू की गई है.
इस योजना के तहत लाभार्थी किसान 50 फीसदी सब्सिडी के साथ कृषि उपकरण खरीदने में सक्षम होंगे.
इससे किसानों को आर्थिक सहायता मिलेगी, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हो सकेगा.
कृषि पर्यवेक्षक/सहायक कृषि अधिकारियों की तरफ से यंत्रों का फिजिकल वैरीफिकेशन किया जाएगा.
एक बार सब्सिडी मिलने के बाद पांच साल बाद ही उसी यंत्र पर योजना का फायदा मिल सकेगा.