बिहार सरकार ने मल्चिंग खेती पर किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी देने का किया ऐलान

बिहार सरकार ने किसानों के लिए एक नई योजना शुरू की है, जिसमें मल्चिंग तकनीक से खेती करने पर 50% अनुदान दिया जाएगा. यह योजना किसानों को कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त करने में मदद करेगी और उनकी आय में वृद्धि करेगी.

Noida | Updated On: 10 Mar, 2025 | 06:20 PM

किसानों की आय बढ़ाने और फसल उत्पादन में सुधार के लिए सरकार लगातार नई योजनाएं ला रही है. इसी बीच बिहार सरकार ने किसानों के लिए एक खास योजना शुरुआत की है. जिसके तहत मल्चिंग (Mulching) तकनीक से खेती करने पर 50% अनुदान (सब्सिडी) दिया जाएगा. इस योजना से किसानों को कम लागत में अधिक उत्पादन मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी. लेकिन सवाल यह उठता हैं की मल्चिंग तकनीक, इसके फायदे और सरकारी अनुदान प्राप्त करने के लिए आवेदन कैसे करें

क्या है मल्चिंग तकनीक?

मल्चिंग तकनीक का मतलब फसलों के आसपास की मिट्टी को किसी सामग्री, जैसे कि प्लास्टिक, घास, भूसा, पत्तियों या अन्य जैविक अवशेषों से ढक देना. इसका मुख्य उद्देश्य मिट्टी की नमी बनाए रखना, खरपतवार (Unwanted Grass) को बढ़ने से रोकना और मिट्टी के कटाव को कम करना है. इस तकनीक से फसलों को सही वातावरण मिलता है, जिससे उनकी बढ़त तेज और उत्पादन बेहतर होता है.

मल्चिंग के फायदे

इससे सिंचाई की आवश्यकता कम हो जाती है और फसल सूखने से बचती है.
मल्चिंग से खेत में अनचाही घास नहीं उगती, जिससे निराई-गुड़ाई पर होने वाला खर्च कम हो जाता है.
बारिश या तेज हवा से मिट्टी बहने का खतरा कम हो जाता है, जिससे उसकी उर्वरता बनी रहती है.
तापमान में बदलाव का असर फसलों पर कम पड़ता है, जिससे उनकी गुणवत्ता और उत्पादन बेहतर होता है.
सिंचाई, खाद और कीटनाशकों की जरूरत कम पड़ती है, कुल लागत घट जाती है और मुनाफा बढ़ जाता है.

सब्सिडी का फायदा कैसे मिलेगा?

बिहार सरकार के कृषि विभाग के अधीन उद्यान निदेशालय (Horticulture Directorate) द्वारा इस योजना को लागू किया गया है. सरकार ने घोषणा की है कि जो किसान मल्चिंग तकनीक अपनाएंगे, उन्हें इस पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी. इसका मतलब यह है कि मल्चिंग के लिए जितना खर्च होगा, उसका आधा हिस्सा सरकार देगी. यह राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से सहायता मिलेगी.

कैसे बढ़ेगी किसानों की आय?

सरकार का मानना है कि इस तकनीक से किसानों की आय दोगुनी हो सकती है। इसके पीछे कई कारण हैं:

सिंचाई की जरूरत कम होगी, जिससे पानी की बचत होगी.
खरपतवार पर नियंत्रण रहेगा जिससे खेती में श्रम और लागत कम आएगी.
कीटनाशक और खाद की खपत घटेगी, जिससे खर्च कम होगा.
मिट्टी की नमी बनी रहेगी, जिससे फसल की पैदावार बेहतर होगी.
फसल का तापमान नियंत्रित रहेगा, जिससे उत्पादन की गुणवत्ता बनी रहेगी और स्टोरेज में भी आसानी होगी.

ड्रिप सिंचाई से होगा और अधिक लाभ

अगर किसान मल्चिंग तकनीक के साथ-साथ ड्रिप इरिगेशन (टपक सिंचाई) भी अपनाते हैं, तो उन्हें और भी अधिक फायदा मिलेगा. ड्रिप सिंचाई में पाइप के जरिए पानी को सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचाया जाता है. इससे पानी की बचत होती है, मिट्टी का कटाव नहीं होता,  फसलों की ग्रोथ बेहतर और  कम पानी में भी अधिक पैदावार होती है.

कैसे करें आवेदन?

अगर आप किसान हैं और इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो आपको बिहार सरकार के उद्यान निदेशालय (Horticulture Directorate) में आवेदन करना होगा. आवेदन प्रक्रिया बेहद आसान है:

ऑनलाइन आवेदन करें:

बिहार सरकार के उद्यान निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट [https://horticulture.bihar.gov.in](https://horticulture.bihar.gov.in) पर जाएं.
दिए गए निर्देशों के अनुसार आवेदन फॉर्म भरें.
जरूरी दस्तावेज अपलोड करें और आवेदन जमा करें.
अगर ऑनलाइन आवेदन में कोई समस्या हो, तो अपने नजदीकी कृषि विभाग या उद्यान निदेशालय कार्यालय (Agriculture Department or Horticulture Directorate Office) में जाकर आवेदन कर सकते हैं.
अनुदान की राशि सीधे आपके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी, इसलिए सही बैंक डिटेल्स देना जरूरी है.

यह योजना किसानों के लिए एक बेहतरीन अवसर है.  अगर आप भी अपनी फसल की पैदावार बढ़ाकर अपनी आय को दोगुना करना चाहते हैं, तो मल्चिंग तकनीक को अपनाइए और सरकार की इस अनुदान योजना का लाभ उठाइए.

Published: 11 Mar, 2025 | 10:00 AM