गोवा में ‘एग्री टूरिज्‍म’, क्‍या खेती-बाड़ी से लौटेगी पुरानी रौनक?

गोवा, देश का वह राज्‍य जो अपने सुंदर बीचों के लिए जाना जाता है, अब यहां पर 'एग्री टूरिज्‍म' को बढ़ावा दिया जाएगा. पिछले दिनों मुख्‍यमंत्री प्रमोद सावंत ने जो नई रणनीति सार्वजनिक की है, उससे लगता है कि उनकी सरकार पुरानी रौनक को वापस लाने के लिए अब कृषि को रणनीति के तौर पर प्रयोग करेगी. सीएम सावंत की सरकार सन, सैंड और सी वाले गोवा में अब खेती को बढ़ावा देने की कवायद में जुट गई है. लेकिन क्‍या कृषि वाकई गोवा में टूरिज्‍म को आगे बढ़ाने में मदद कर पाएगी.

Updated On: 21 Feb, 2025 | 09:06 AM
1 / 4गोवा में ‘एग्री टूरिज्‍म’, क्‍या खेती-बाड़ी से लौटेगी पुरानी रौनक?

स्‍थानीय वेबसाइट गोमांतक टाइम्‍स के एक आर्टिकल के अनुसार गोवा की नई कृषि नीति का मकसद एग्री टूरिज्‍म को बढ़ावा देना है् इसके तहत राज्‍य की 4000 स्‍क्‍वॉयर किलोमीटर की जमीन पर खेती करने वाले किसान भी अब पर्यटन की गतिविधियों का हिस्‍सा बनेंगे.

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इस बात की जानकारी भी है कि सावंत सरकार नई कैश क्रॉप्‍स जैसे एवाकाडो, रामबुतान और पोमेलो की खेती के लिए किसानों को प्रोत्‍साहित करेगी. साथ ही साथ ही किसानों के लिए फील्‍ड स्‍कूल और प्रदर्शनी खेतों को भी बढ़ावा देगी.

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एग्री टूरिज्‍म यानी वह जरिया जिसके तहत ऐसे पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके जिन्‍हें स्‍थानीय तौर पर उत्‍पादित फसलों के बारे में जानने की रुचि हो. साथ ही साथ कृषि तरीकों के जरिये पर्यटकों को राज्‍य की बायो-डायवर्सिटी के बारे में भी बताया जा सके. गोवा में इस समय जिस इको-टूरिज्‍म को बढ़ाने की कोशिशें की जा रही हैं, उसके नतीजे निराश करने वाले हैं. ऐसे में अगर एग्री-टूरिज्‍म को सफल बनाना है तो फिर कई तरह की कोशिशों को अंजाम देना होगा.

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विशेषज्ञों की मानें तो गोवा के लिए एग्री टूरिज्‍म एकदम नया प्रयास है. यह वह हिस्‍सा है जिस पर अभी तक किसी ने भी ध्‍यान नहीं दिया है. ऐसे में पहला सवाल यही दिमाग में आता है कि क्‍या राज्‍य में एग्री टूरिज्‍म के लिए संभावनाएं हैं भी या नहीं.

Published: 20 Feb, 2025 | 06:41 PM