पंजाब में धान की पराली पर मिलेगी 60 करोड़ रुपये की सब्सिडी, जानें सारा प्‍लान

पंजाब सरकार ने धान की पराली बेस्‍ड बॉयलरों में बदलाव करने वाले उद्योगों की मदद के लिए 60 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी का वादा किया है. यह योजना बायोमास के प्रयोग के लिए केंद्र के प्रयासों का ही एक हिस्‍सा है.

Agra | Updated On: 27 Mar, 2025 | 03:17 PM

पंजाब सरकार ने बुधवार को राज्‍य का बजट पेश किया. सरकार की तरफ से इस बार बजट में कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए 14,524 करोड़ रुपये एलॉट किए गए हैं जो पिछले साल की तुलना में पांच फीसदी ज्‍यादा हैं. सरकार की तरफ से यूं तो कई तरह की घोषणाएं थीं जो ध्‍यान आकर्षित करने वाली थीं लेकिन पराली को लेकर किए गए ऐलान ने सबका दिल जीता. वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने बजट पेश करते हुए धान की पराली को लेकर सब्सिडी देने का बड़ा ऐलान किया है.

यह है सारा सरकार का सारा प्‍लान

पंजाब सरकार ने धान की पराली बेस्‍ड बॉयलरों में बदलाव करने वाले उद्योगों की मदद के लिए 60 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी का वादा किया है. द ट्रिब्‍यून की रिपोर्ट के अनुसार 25 ज्‍यादा स्‍टेक होल्‍डर्स ने पहले ही सालाना तीन मिलियन टन से ज्‍यादा धान की पराली का प्रयोग करने में अपनी रुचि जताई है. बजट पेश करते हुए हरपाल चीमा ने कहा, ‘हम इस समस्या पर नियंत्रण लगाने के लिए पर्यावरण अनुकूल विकल्पों की सक्रियता से खोज कर रहे हैं. साथ ही उन्हें लागू कर रहे हैं ताकि पर्यावरण संरक्षण और हमारे किसानों की भलाई सुनिश्चित हो सके.’

यह योजना एनर्जी प्रोडक्‍शन में बायोमास के प्रयोग के लिए केंद्र के प्रयासों का ही एक हिस्‍सा है. हालांकि, इस योजना की प्रभावशीलता को लेकर हमेशा सवाल उठते आए हैं. पहले भी इसी तरह की योजनाओं को अपनाने में किसानों की रुचि कम देखी गई है. किसानों ने अक्‍सर रसद चुनौतियों और अपर्याप्त आर्थिक मदद का हवाला दिया है.

पराली प्रदूषण की बड़ी वजह!

पंजाब और दिल्ली के बीच वायु प्रदूषण को लेकर लंबे समय से चल रहे तनाव के बीच ही सरकार के इस ऐलान पर सबका ध्‍यान गया है. सर्दियों के महीनों के दौरान जब पंजाब में पराली जलाई जाती है तो दिल्‍ली-एनसीआर में खासतौर पर धुंध और जहरीले धुंए का वातावरण बन जाता है. हर साल, दिल्ली की वायु गुणवत्ता अक्टूबर और नवंबर के बीच खतरनाक स्तर तक गिर जाती है. इसके लिए अक्‍सर पंजाब और हरियाणा में धान की कटाई को दोष दिया जाता है. इन राज्यों में किसान अगले बुवाई के मौसम के लिए खेतों को साफ करने के लिए फसल अवशेष जलाते हैं. इस परंपरा को दिल्ली-एनसीआर में जहरीली धुंध के लिए खासतौर पर जिम्मेदार ठहराया जाता है.

कितनी सफल होगी योजना?

हाल ही में आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने बार-बार पंजाब पर, जहां आप का ही शासन है, खेतों में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी कदम न उठाने के लिए उंगली उठाई है. वहीं पंजाब ने तर्क दिया है कि किसानों के पास व्‍यवहारिक विकल्पों की कमी है. साथ ही उन्हें पर्यावरण के अनुकूल समाधानों पर स्विच करने के लिए आर्थिक मदद की जरूरत है. 60 करोड़ रुपये की सब्सिडी का मकसद उद्योगों को धान की पराली को ईंधन के रूप में प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना है. इससे खुले में पराली जलाने का एक आर्थिक विकल्प उपलब्ध हो सके.

Published: 27 Mar, 2025 | 02:36 PM