झारखंड बजट 2025: फसल बीमा के लिए 350 करोड़ रुपये, ब्‍लॉक स्‍तर पर होगा कोल्‍ड स्‍टोरेज का निर्माण

ब्लॉक स्तर पर कोल्ड स्टोरेज की सुविधा और किसानों के लिए एक मजबूत बाजार व्यवस्था तैयार करने की जरूरत थी. सरकार द्वारा पेश किए गए बजट को किसानों के हित में बताया जा रहा है.

Agra | Updated On: 4 Mar, 2025 | 05:22 PM

झारखंड सरकार ने साल 2025 के लिए कृषि बजट पेश कर दिया गया है. वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर द्वारा विधानसभा में पेश किए गए इस बजट में कृषि और इससे जुड़े संसाधनों के विकास पर खास ध्यान दिया गया है. जहां कुछ किसान उम्मीद कर रहे थे कि कृषि क्षेत्र में बजटीय आवंटन और अधिक बढ़ाया जाएगा तो वहीं कुछ किसान इस बजट से संतुष्‍ट हैं. उनका कहना है कि राज्य सरकार ने कृषि उत्पादन, भंडारण, फसल बीमा और सिंचाई जैसी जरूरतों पर ध्यान देते हुए एक संतुलित बजट पेश किया है.

किसानों का कहना है कि इस बजट से कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. वहीं, किसान यह भी कहते हैं कि व्यावहारिक समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार को और ठोस कदम उठाने चाहिए. ब्लॉक स्तर पर कोल्ड स्टोरेज की सुविधा और किसानों के लिए एक मजबूत बाजार व्यवस्था तैयार करने की जरूरत थी. सरकार द्वारा पेश किए गए बजट को किसानों के हित में बताया जा रहा है.

कोल्ड स्‍टोरेज को लेकर बड़ी पहल

झारखंड में बड़े पैमाने पर सब्जियों का उत्पादन होता है, लेकिन बाजार की सही व्यवस्था न होने के कारण किसान अपनी उपज को सस्ते दामों में बेचने के लिए मजबूर होते हैं. कई बार ऐसा भी होता है कि कटाई के बाद सब्जियां बर्बाद हो जाती है. इसे रोकने के लिए सरकार ने कोल्ड स्टोरेज के लिए 259.52 करोड़ रुपये का प्रावधान पेश किया है. अब ब्लॉक स्तर पर गोदामों और कोल्ड स्टोरेज का निर्माण किया जाएगा. इससे किसानों को फायदा होगा क्योंकि वो अपनी उपज को सही समय तक सुरक्षित रख सकेंगे और बाजार में सही कीमत मिलने पर बेच सकेंगे. इस कदम से किसानों की आय में बढ़त होगी और उनकी मेहनत का उचित लाभ उन्हे मिल सकेगा.

फसल बीमा के लिए 350 करोड़ का प्रावधान

झारखंड में कई बार अनियमित मौसम और प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है. इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने फसल बीमा योजना के तहत 350 करोड़ रुपये का प्रावधान भी पेश किया हैं. फसल बीमा योजना के तहत खासतौर पर धान और गेहूं जैसी मुख्य फसलों को कवर किया जाएगा. अगर किसी किसान की फसल प्राकृतिक आपदा, सूखा या भारी बारिश के कारण खराब हो जाती है, तो उसे बीमा के तहत उचित मुआवजा मिलेगा. किसानों ने इस पहल का स्वागत किया है, लेकिन वे यह भी चाहते हैं कि बीमा राशि समय पर मिले और इसके लिए पंचायत स्तर पर विशेष व्यवस्था की जाए.

जल संरक्षण के लिए विशेष नियम

झारखंड में कई इलाकों में सिंचाई की समुचित व्यवस्था नहीं है, जिससे खेती पर काफी असर पड़ता है. इस समस्या को हल करने के लिए सरकार ने बंजर भूमि राईसो फैलो उपयोजना और जलनिधि योजना के तहत 1200 सरकारी और निजी तालाबों के जीर्णोद्धार का नियम भी बनाया गया हैं. इसके अलावा, सिंचाई सुविधा और डीप बोरिंग के लिए 203.40 करोड़ रुपये का प्रावधान भी है. इससे किसानों को मछली पालन और सिंचाई में मदद मिलेगी. पानी की उचित उपलब्धता से खेती की प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी और किसानों की आमदनी में इजाफा होगा.

किसानों को मिलेंगे आधुनिक उपकरण

किसानों की मेहनत को कम करने और खेती को आधुनिक बनाने के लिए सरकार ने कृषि यंत्र वितरण योजना शुरू की है. इसके तहत 8400 लाभार्थियों को मिनी ट्रैक्टर, पावर टीलर, पंप सेट, रिपर ट्रांसप्लांटर आदि उपकरण भी दिए जाएंगे. इस योजना से किसानों खेती में कम मेहनत में अधिक लाभ मिल सकेगा. सरकार का यह कदम झारखंड के कृषि क्षेत्र को तकनीकी रूप से आगे बढ़ाने में मदद करेगा.

बागवानी और मधुमक्खी पालन को बढ़ावा

इसके साथ ही राज्य सरकार ने बागवानी क्षेत्र में भी बड़ा निवेश किया है. इसके तहत सब्जी और फूलों की खेती, मधुमक्खी पालन और किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर 304.85 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. झारखंड में सब्जी और फूलों की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. वहीं उचित देखभाल और तकनीक की कमी के कारण कई बार किसान ज्यादा लाभ नहीं कमा पाते. इस योजना से किसानों को नई तकनीक सीखने और अपनी खेती को और अधिक लाभदायक बनाने में मदद मिलेगी. इससे न केवल शहद के उत्‍पादन में वृद्धि होगी, बल्कि फसलों का परागण भी बेहतर होगा.

Published: 4 Mar, 2025 | 05:21 PM