तेलंगाना के आदिलाबाद जिले के किसान इस समय खासे परेशान हैं और सरकार से निराश हैं. बताया जा रहा है कि यहां के कई किसानों के खाते में अब तक रायथु भरोसा की राशि नहीं आई है. अब ये किसान बेसब्री से इस रकम का इंतजार कर रहे हैं. पिछले दिनों आई एक रिपोर्ट के अनुसार न सिर्फ आदिलाबाद बल्कि कुछ और जिलों के किसानों के खाते में भी रायथु भरोसा की राशि नहीं पहुंची है. किसानों ने बहुत ज्यादा ब्याज पर कर्ज लेकर फसल उगाई है और ऐसे में उन्हें सरकारी मदद का बेसब्री से इंतजार है.
किस चरण में कितने किसान
तेलंगाना टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार आदिलाबाद जिले के करीब 3.50 लाख किसानों को सरकार की ओर से रायथु भरोसा निवेश सहायता मिलना बाकी है. अधिकारियों की तरफ से बताया गया है कि आदिलाबाद, निर्मल, मंचेरियल और कुमराम भीम आसिफाबाद जिलों के 3.51 लाख किसानों को अब तक तीन चरणों में 274.99 करोड़ रुपये की सहायता मिली है. पहले चरण में कुल 25,000 किसानों को सहायता प्रदान की गई, जबकि दूसरे और तीसरे चरण में संयुक्त रूप से 3.26 लाख किसानों को सहायता प्रदान की गई.
किसानों को सता रहा एक डर
अब तक दो एकड़ जमीन वाले किसानों को इस योजना का लाभ मिला है. लेकिन अब किसानों को डर है कि विधान परिषद चुनाव के मद्देनजर लागू हुई आदर्श आचार संहिता की वजह से वितरण में और देरी होगी. अधिकारियों के अनुसार, संयुक्त आदिलाबाद जिले में इस योजना के सात लाख लाभार्थी हैं. बाकी किसान फसल निवेश सहायता हासिल करने का इंतजार कर रहे हैं. किसानों की मानें तो उन्होंने निजी ऋणदाताओं से बहुत ज्यादा ब्याज दरों पर ऋण लेकर फसल उगाई है. इन किसानों का कहना है कि अगर सरकार जल्द से जल्द सहायता राशि मंजूर करती है तो उन्हें राहत मिल जाएगी.
क्या कहते हैं अधिकारी
भीमपुर मंडल के पिप्पलकोट गांव के स्वामी के हवाले से वेबसाइट ने बताया है कि निवेश सहायता मिलने में देरी के कारण उन्होंने स्थानीय उर्वरक व्यापारी से बैंकों की तुलना में बहुत ज्यादा ब्याज दर पर ऋण लेकर अपनी पांच एकड़ जमीन पर धान और मक्का की फसल उगाई. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने धनराशि जारी करने में देरी की तो उन्हें व्यापारी को ब्याज देना पड़ेगा.
उधर कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा कि किसानों को जल्द ही निवेश सहायता दी जाएगी. अधिकारियों का कहना है कि योग्य लाभार्थियों की एक लिस्ट पहले ही सरकार को भेज दी गई है. अधिकारियों के अनुसार लाभार्थियों की ड्राफ्ट लिस्ट हाल ही में ग्राम सभाओं के दौरान प्रदर्शित की गई थी. इसमें लाभार्थी किसानों की तरफ से दर्ज कराई गई आपत्तियां को भी शामिल किया गया था.