महाराष्ट्र में मौसंबी की खेती करने वाले किसान इन दिनों काफी परेशान हैं. यहां के अंबाड तालुका में मौसंबी के बगीचों में भारी मात्रा में फल जमीन पर गिर रहे हैं. अब किसानों को नुकसान की चिंता सताने लगी हैं. मौसंबी की खेती करने वाले किसान बगीचे को हरा-भरा रखने की कोशिशों में लगातार कई चुनौतियों जैसे सूखा, बीमारी, प्राकृतिक आपदा, पानी का संकट आदि का सामना करने को मजबूर थे. बगीचे की सही कटाई-छटाईं, उर्वरक, कीटनाशक का छिड़काव और पानी, किसानों ने फलों को उगाने में उन्होंने इन सारी बातों का ध्यान रखा लेकिन फिर भी फल गिरने लगे हैं.
तापमान बढ़ने के साथ बढ़ीं मुश्किलें
किसानों की मेहनत से नींबू और अमरुद के आकार के फल पेड़ पर आने लगे. अब किसानों को दिन-रात फलों का नुकसान झेलना पड़ रहा है. इसकी वजह से किसान दुखी हैं. वेबसाइट अग्रोवन की रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र के ताधाडगांव, खड़केश्वर, पंगारखेड़, जिरपी, कवाडगांव, दावरगांव, पॉसेपांगरी, सोनाकपिंपलगांव, छिनछखेड़,जामखेड़, रोहिलागढ़, आलमगांव के साथ ही कुछ और जगहों पर किसानों को इसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. महाराष्ट्र में तापमान में लगातार इजाफा हो रहा है और उसके साथ ही बगीचों में फलों का गिरना भी बढ़ गया है.
किसान करें तुरंत ये उपाय
विशेषज्ञों की तरफ से अब किसानों को सलाह दी गई है कि वो इस समस्या से बचने के लिए क्या करें. महाराष्ट्र कृषि विभाग की तरफ से कहा गया है कि वैज्ञानिकों और अधिकारियों के मार्गदर्शन में इन उपायों को अपनाया जाना चाहिए.
विशेषज्ञों के अनुसार बगीचे में पानी देते समय ध्यान रखें कि तने के पास पानी जमा नहीं होना चाहिए.
मानसून के दौरान खेतों में पानी बांध तोड़कर निकाला जाना चाहिए.
जो फल गिर गए हैं उन्हें बगीचे के बाहर गड्ढा करके जमीन में गाड़ना बेहतर रहेगा.
साथ ही कीटनाशकों को छिड़काव करते रहना चाहिए.
कहां-कहां पर होती मौसंबी की खेती
मौसंबी या स्वीट लाइम की खेती महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में जमकर की जाती है. नागपुर, अमरावती, वर्धा और अकोला महत्वपूर्ण मोसंबी उत्पादक जिले हैं. यहां पर अक्सर किसानों को कीमत की अनिश्चितता और फसल के बाद होने वाले नुकसान जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. महाराष्ट्र के अलावा आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, पंजाब और राजस्थान मौसंबी उत्पादन में अग्रणी राज्य हैं.