महाराष्ट्र सरकार की तरफ से राज्य के किसानों को एक अच्छी खबर दी गई है. सरकार की तरफ से 64 लाख किसानों के खाते में जल्द ही फसल बीमा का मुआवजा भेजा जाएगा. सरकार की तरफ से किसानों के अकाउंट में सीधे मुआवजे की रकम ट्रांसफर कर दी जाएगी. सरकार ने 2852 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने की मंजूरी दे दी है. बताया जा रहा है कि बीमा कंपनियों की तरफ से राज्य के हिस्से की सब्सिडी जो काफी लंबे समय से अटकी हुई थी, उसे जारी किया जाएगा.
बैंकों को दिए गए निर्देश
वेबसाइट ई-सकल की रिपोर्ट के मुताबिक 2555 करोड़ रुपये बीमा कंपनियों की तरफ से किसानों के अकाउंट में जमा कराए जाएंगे. सरकार के इस फैसले के साथ ही पिछले कई सत्र का अटका हुआ मुआवजा किसानों को मिल जाएगा. जिन किसानों का बैंक अकाउंट आधार से लिंक्ड है, उनके अकाउंट में रकम जमा कर दी जाएगी. राज्य के कृषि मंत्री मानिकराव कोकाटे ने बताया है कि बीमा कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द से निपटा लिया जाए.
किस सत्र का कितना मुआवजा
मुआवजे के तहत साल 2022 के और खरीफ और 2022-23 के रबी सत्र के लिए 2.87 करोड़ रुपये, 2023 के खरीफ सत्र के लिए 181 करोड़ रुपये, 2023-24 के रबी सत्र के लिए 63.14 करोड़ रुपये और 2024 के खरीफ सत्र के लिए 2308 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है. इस तरह से 64 लाख किसानों के खाते में 2555 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे. सरकार की तरफ से बीमा कंपनियों को फंड्स वितरित कर दिया गया है. अब जल्द ही मुआवजे की रकम भी खाते में जमा कर दी जाएगी. इस फैसले से किसानों को बड़ी राहत मिली है. कृषि मंत्री कोकाटे के अनुसार सरकार ने किसानों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है और किसानों को इसका फायदा भी मिलेगा.
जल्द मिलेगी केंद्र की तरफ से किस्त
महाराष्ट्र के किसान पिछले काफी समय से परेशान थे. उन्हें कई योजनाओं के तहत मिलने वाली आर्थिक मदद नहीं मिल पा रही थी. दरअसल राज्य में किसानों को केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से कई योजनाओं के जरिये सब्सिडी दी जाती है. केंद्र का हिस्सा जहां इन योजनाओं में 60 फीसदी होता है तो राज्य सरकार की तरफ से 40 फीसदी का योगदान होता है. केंद्र की सब्सिडी के बिना राज्य के खजाने से कोई फंड नहीं हासिल हो पाता है. केंद्र सरकार ने अब एडवांस में सब्सिडी देने की अपनी एक पुरानी परंपरा को बदल दिया है. केंद्र सरकार की तरफ से अब चार चरणों में सब्सिडी का पैसा दिया जाता है. देश में महाराष्ट्र का कृषि विभाग केंद्र की तरफ से चौथी किस्त का हकदार बन गया है.