उत्तर प्रदेश के कानपुर में गन्ना के किसान इन दिनों खासे परेशान हैं. यहां के घाटमपुर क्षेत्र में गन्ने की खेती करने वाले किसान पहले ही कम उत्पादन की वजह से तनाव थे लेकिन अब एक नई मुसीबत उनके सामने आ गई है. यहां गन्ने के खेतों में बड़ी संख्यर में चूहे लग गए हैं. गन्ने का उत्पादन इस बार पहले ही 30 फीसदी कम हुआ है और फरवरी में ही मिलें बंद हो गई थीं. लेकिन अब इस नई जानकारी ने उनके माथे पर बल डाल दिए हैं. गन्ना किसान यहां पर कम बारिश की वजह से भी परेशान हैं जिसने उत्पादन पर असर डाला है.
गन्ने के रकबे में गिरावट
बताया जा रहा है कि चूहों की वजह से 4 करोड़ रुपये का गन्ना बर्बाद हो गया है. अखबार हिन्दुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार घाटमपुर तहसील क्षेत्र गन्ने के उत्पादन के लिए जाना जाता है. पहले की तुलना में अब यहां पर गन्ने की बुवाई कम होने लगी है क्योंकि घाटमपुर स्थित चीनी मिल पर ताला लग चुका है. लेकिन वर्तमान में करीब 450 हेक्टेयर भूभाग पर किसान गन्ने की फसल बोते हैं. एक हेक्टेयर में सामान्यत 1000 क्विंटल से ज्यादा गन्ना पैदा होता है. घाटमपुर क्षेत्र में किसान एक हेक्टेयर में 750 क्विंटल गन्ना उगाते हैं.
कम बारिश से फसल प्रभावित
पिछले साल गन्ने की फसल पर बारिश की पहली मार पड़ी. इस वजह से गन्ने की लंबाई नहीं बढ़ी और यह पतला भी रह गया. अक्टूबर-नवंबर में जब गन्ना तैयार हुआ तो उसमें चूहे लग गए. किसान जब तक चूहों की आफत को समझ पाते तब तक करीब 20 से 30 प्रतिशत गन्ना नष्ट कर चुके थे. फसल बचाने के लिए किसानों ने चूहे मार दवा भी खेतों में रखी, लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ. चूहे एक खेत से दूसरे खेत घूमते रहे. खेत में जगह-जगह गन्ने के पेड़ चूहों के चूसने से गिर पड़े. फसल को बचाने के लिए खेतों की सिंचाई भी की गई. जब खेत में पानी सूख गया तो चूहे दोबारा खेत में घुस गए.
अचानक लगे खेत में चूहे
गन्ने का सरकारी मूल्य 370 रुपये क्विंटल है. जबकि, क्षेत्र में गुड़ बना रहे खांडसारी उद्योग किसानों को नकद 410 रुपये क्विंटल गन्ने का मूल्य दे रहे थे. किसानों को चूहे और कम बारिश से हुआ नुकसान इस लिहाज से करीब 4 करोड़ रुपये का हुआ है. किसानों का कहना है कि इस साल चूहों ने उन्हें बड़ा नुकसान पहुंचाया है. अचानक खेत में चूहे लग गए जिससे गन्ने की फसल को करीब 30 फीसदी नुकसान हुआ है. सीनियर अधिकारियों की तरफ से भी इसकी पुष्टि की गई है.