तेलंगाना में किसान इस समय खासे परेशान और दुखी हैं. मूंगफली, मिर्ची और मसूर की दाल की खेती करने वाले किसानों की तकलीफें कोई नहीं समझ सकता है. उनकी स्थिति राज्य में किसान समुदाय की एक रुला देने वाली तस्वीर पेश करती है. राज्य में अब तनाव बढ़ता जा रहा है और माना जा रहा है कि किसान अगले कुछ दिनों से प्रदर्शन तेज कर सकते हैं. लेकिन आखिर ऐसा क्या हुआ तो राज्य के किसान इतने नाराज हैं.
आर्थिक तंगी में घिरे किसान
तेलंगाना टुडे की रिपोर्ट के अनुसार किसान पिछले कुछ दिनों से फसलों के दाम गिरने से नाराज थे और प्रदर्शन कर रहे थे. राज्य के काफी ज्यादा किसान इस समय कई तरह की आर्थिक परेशानियों में घिर चुके हैं. कुछ स्कीम जैसे रायथु बंध के तहत उन्हें जो आर्थिक मदद मिलती है वो भी अभी तक नहीं मिल सकी है. साथ ही वर्तमान में कीमतें तय करने का जो तंत्र है, वह भी असरकारक साबित नहीं हो पा रहा है. ऐसे में किसान अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन पर बैठ गए हैं.
सरकार ने तोड़ी उम्मीदें
किसी भी फसल की कीमत तय करने में बाजार की गतिशीलता का बड़ा रोल होता है. किसानों की मानें तो राज्य की सरकार की तरफ से एक बेहतर कीमत तय करने के लिए जिस तरह के समर्थन की उम्मीद थी, वह उन्हें नहीं मिल सका है. साथ ही एक प्रभावी खरीद भी अभी तक नहीं की गई है. अब फरवरी का महीना आ चुका है और कई अहम फसलों को लेकर किसानों की उम्मीदें टूटती जा रही हैं. कई किसान बेसबरी से अपनी परेशानियों के हल होने का इंतजार कर रहे हैं. तेलंगाना के महबूबनगर जैसी जगहों पर किसानों के उग्र प्रदर्शन हुए. किसानों ने कुछ जगहों पर ट्रेनों को भी रोका.
मूंगफली किसानों का दर्द
मूंगफली के किसानों को सबसे ज्यादा संकट झेलना पड़ रहा है. इस समय इसकी कीमतें प्रति क्विंटल 5600 से लेकर 6050 रुपये के बीच बनी हुई हैं. जबकि एमएसपी पर इसकी कीमत 6783 रुपये प्रति क्विंटल है और किसानों का मानना है कि यह काफी कम है. हाल के कुछ समय में अतिरिक्त उत्पादन और निर्यात की मांग ने परेशानी को और बढ़ा दिया है. इसकी वजह से सप्लाई मात्रा से ज्यादा हुई और कीमतों में तेजी से गिरावट दर्ज हुई. ऐसे किसान जिनके लिए मूंगफली आय का एकमात्र स्त्रोत है, उन पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा है. इन किसानों के लिए फसल की लागत निकालना तक मुश्किल हो रहा है. ऐसे किसानों पर आर्थिक परेशानियां और बढ़ गई हैं.
नहीं मिला मनमाफिक एमएसपी
25 सितंबर 2024 तक राज्य में मूंगफली की फसल करीब 22107 हेक्टेयर जमीन पर बोई गई थी. गडवाल जिले में सबसे ज्यादा 10752 एकड़ पर इसकी खेती हुई. जबकि वानापर्थली में 7241 एकड़, वारंगल में 1194 एकड़, नागरकुरनूल में 376 एकड़ और सूर्यापेट में 286 एकड़ पर इसकी खेती की गई थी. इस फसल के लिए एमएसपी को 406 रुपये तक बढ़ा गया था और 6783 रुपये प्रति क्विंटल इसकी कीमत तय की गई थी. लेकिन फसल इससे भी कम कीमत हासिल कर सकी.