आंध्र प्रदेश में जल्द ही एक ऐसी ड्रोन सिटी होने वाली है जिसे भारत की ड्रोन इंडस्ट्री में एक क्रांतिकारी शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है. गुरुवार को राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इस बाबत गरुण एयरोस्पेस के अधिकारियों से मुलाकात की और इस पर विस्तार से चर्चा की. गरुण एयरोस्पेस की तरफ से इस दिशा में 100 करोड़ रुपये के निवेश की पुष्टि की गई है. कंपनी के सीईओ अग्निश्वर जयप्रकाश ने कुरनूल में आंध्र प्रदेश ड्रोन सिटी के विकास की पुष्टि की है. उन्होंने इसमें तेजी लाने के लिए सीएम चंद्रबाबू नायडू से मुलाकात की.
25000 पायलट्स को मिलेगी ट्रेनिंग
गरुड़ एयरोस्पेस की तरफ से कहा गया है कि राज्य सरकार का समर्थन, कार्यों के लिए मंजूरी में, मजबूत बुनियादी ढांचों का निर्माण और जरूरी सुविधाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण होगा. इस पहल का मकसद आंध्र प्रदेश को एक लीडिंग ग्लोबल ड्रोन इनोवेशन सेंटर के तौर पर स्थापित करना है. आंध्र प्रदेश ड्रोन सिटी, ड्रोन टेक्नोलॉजी के लिए एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर केंद्र बनने के लिए तैयार है. इस नई सिटी के बाद राज्य में 25,000 ड्रोन पायलटों को ट्रेनिंग देने के साथ ही करीब 20,000 नौकरियां पैदा करने की क्षमता है.
भारत का ड्रोन बाजार होगा अरबों का
भारत के वाणिज्यिक और उपभोक्ता ड्रोन बाजार के साल 2030 तक 2.5 गुना बढ़कर 60 बिलियन रुपये तक पहुंचने का अनुमान है. ड्रोन सिटी ड्रोन मैन्युफैक्चरिं , एक रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर, एक ड्रोन पायलट ट्रेनिंग एकेडमी, मेनटेंनेंस और रिपेयर फैसिलिटीज के साथ ही यूएवी स्टार्टअप के लिए एक इनक्यूबेशन हब को तैयार किया जाएगा. नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ और राष्ट्रीय विकास में इसके महत्व के साथ-साथ ‘नमो ड्रोन दीदी’ पहल में कंपनी के चल रहे योगदान पर भी चर्चा की जो ड्रोन तकनीक के जरिये से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाती है.
पांच बिलियन डॉलर का निवेश!
इस परियोजना से 500 से ज्यादा ड्रोन-संबंधित कंपनियों की स्थापना को बढ़ावा मिलने और लगभग पांच बिलियन डॉलर के विदेशी निवेश को आकर्षित करने की उम्मीद है. भारत की ड्रोन इंडस्ट्री साल 2030 तक 15 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में विस्तार के लिए तैयार है. खेती समेत उद्योगों में ड्रोन की मांग तेजी से बढ़ रही है. भारत में 350 मिलियन एकड़ कृषि योग्य भूमि है और सौर पैनल सफाई, थर्मल इंसपेक्शन और बड़े पैमाने पर मैपिंग जैसे इंडस्ट्रीयल एप्लीकेशंस शामिल हैं. खास बात है कि स्वामित्व योजना के तहत अभी भी 3.3 लाख से ज्यादा गांवों को मैपिंग की जरूरत है.
भारत बनेगा टेक्नोलॉजी का पावरहाउस
गरुण एयरोस्पेस के फाउंडर और सीईओ अग्निश्वर जयप्रकाश ने इस पर कहा, ‘आंध्र प्रदेश ड्रोन सिटी सिर्फ एक इनफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट नहीं है बल्कि इससे कहीं ज्यादा है. यह इनोवेशन, रोजगार के मौके और टेक्नोलॉजिकल लीडरशिप को आगे बढ़ाता है. ड्रोन रिसर्च, मैन्युफैक्चरिंग और ट्रेनिंग के लिए एक डायनामिक इकोसिस्टम को बढ़ावा देकर, हमारा मकसद भारत को ग्लोबल लेवल पर ड्रोन टेक्नोलॉजी में एक ग्लोबल पावरहाउस के तौर पर स्थापित करना है. यह पहल न केवल आर्थिक विकास को गति देगी बल्कि उद्यमियों को सशक्त बनाएगी, विदेशी निवेश आकर्षित करेगी और बड़े पैमाने पर उद्योग के भविष्य को आकार देगी.’