बायोफ्लॉक मछली पालन.. बिना तालाब के धमाकेदार कमाई, लागत से 5X मुनाफा

बायोफ्लॉक मछली पालन से बिना तालाब के कम जगह में लाखों की कमाई संभव है, सिर्फ 10-12 हजार के टैंक से 5 गुना मुनाफा

Noida | Updated On: 7 Apr, 2025 | 10:19 PM

आज के समय में खेती-किसानी सिर्फ खेत तक सीमित नहीं रही. अब किसान नई-नई तकनीकों को अपनाकर कम जमीन और कम लागत में भी अच्छी कमाई कर रहे हैं. ऐसी ही एक तकनीक है बायोफ्लॉक मछली पालन, जिसके जरिए बिना तालाब बनाए मछलियों का पालन किया जा सकता है और वो भी बहुत कम खर्च में. इसकी खास बात यह है कि इसमें लागत की तुलना में पांच गुना तक मुनाफा कमाया जा सकता है.

क्या है बायोफ्लॉक तकनीक?

बायोफ्लॉक एक ऐसी तकनीक है, जिसमें मछली पालन के लिए तालाब की जरूरत नहीं होती. इसके लिए खास तरह के टैंक या कंटेनर का इस्तेमाल किया जाता है. यह टैंक या कंटेनेर 10 साल तक चलता है. इस सिस्टम में सूक्ष्मजीव (microorganisms) मौजूद रहते हैं, जो पानी को साफ रखते हैं और मछलियों के लिए प्राकृतिक प्रोटीन तैयार करते हैं. इससे मछलियों की सेहत अच्छी रहती है और वे जल्दी तैयार हो जाती हैं. खास बात यह है कि इसमें मछलियों के ऑक्सीजन सप्लाई के लिए एयर पंप भी लगाए जाते हैं.

10 हजार का इन्वेस्टमेंट, लाख की कमाई

एक टैंक बनाने में लगभग 10 से 12 हजार रुपये का खर्च आता है. वहीं एक टैंक में करीब 400 से 500 मछलियां पाली जा सकती हैं. ये मछलियां 5-6 महीने में तैयार हो जाती हैं और इनका वजन तकरीबन एक से डेढ़ किलो होता है. इन मछलियों का रेट मार्केट में औसतन 150 से 200 रुपये प्रति किलो तक होता है. यानी एक टैंक में औसतन 60-75 हजार की कमाई की जा सकती है. इस तरह से साल में दो बार पालो तो 1 लाख से ऊपर की कमाई हो सकती है.

छत पर भी शुरू करें, सरकार भी साथ

योफ्लॉक तकनीक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे कम जगह में भी अपनाया जा सकता है. जहां पर खेती की जमीन नहीं है, वहां भी छत या छोटे खाली प्लॉट में यह सिस्टम लगाकर मछली पालन किया जा सकता है. इसके लिए सरकार भी प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रही है और कुछ राज्य सब्सिडी भी दे रहे हैं.

एक किसान की मिसाल

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के डॉ. दीपक मेहंदीरत्ता ने इस तकनीक को अपनाकर मछली पालन में जबरदस्त सफलता पाई है. उनका कहना है कि बायोफ्लॉक सिस्टम से पानी की भी बचत होती है और दवाओं की जरूरत बहुत कम पड़ती है. इनकी सफलता अब दूसरों के लिए मिसाल है.

Published: 8 Apr, 2025 | 07:45 AM