30 हजार रुपये में मिलता है ये मशरूम, जानिए कैसे करते हैं इसकी खेती

गुच्छी मशरूम एक खास और महंगा मशरूम है, जो आमतौर पर जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी इलाकों में प्राकृतिक रूप से उगता है. इसकी खेती के लिए ठंडी और नम जलवायु की आवश्यकता होती है.

Noida | Updated On: 27 Mar, 2025 | 12:37 PM

गुच्छी मशरूम (Morchella esculenta) एक खास तरह का कई औषधीय खूबियों से लैस मशरूम की प्रजाति है. इसे मोरेल मशरूम भी कहा जाता है. यह मशरूम हैआमतौर पर जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी इलाकों में प्राकृतिक रूप से उगाया जाता है. इसकी कीमत 30 से 50 हजार रुपये किलो तक हो सकती है. इस मशरूम की खेती काफी मुश्किल होती है. हालांकि, साल 2021 में वैज्ञानिकों ने एक आर्टिफिशियल तकनीक विकसित की थी. जो पहाड़ी इलाकों के किसानों के लिए एक फायदेमंद साबित हो सकती है. पहले यह मशरूम सिर्फ जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की ऊंची पहाड़ियों पर प्राकृतिक रूप से उगते थे. लोगों को इसे तोड़ने के लिए अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ती थी. हालांकि अब किसान इसकी खेती आर्टिफिशियल तकनीक से कर अधिक मुनाफा कम सकते हैं.

क्यों पॉपुलर है गुच्छी मशरूम

गुच्छी मशरूम (Morchella esculenta) न केवल अपनी अनोखी बनावट और स्वाद के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार गुच्ची मशरूम में विटामिन B कॉम्प्लेक्स और मिनरल्स होते हैं, जो शरीर को एनर्जी देने के साथ मेटाबोलिज्म को बेहतर करता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन C की अच्छी मात्रा होती है, जो शरीर को बीमारियों से लड़ने में मजबूत बनाता है.

इसमें मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है. इसके साथ ही गुच्छी मशरूम में पोटेशियम और मिनरल्स होते हैं, जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के साथ दिल से जुड़ी बीमारियों के जोखिम को भी कम करने में मदद करता हैं. यह कम कैलोरी और हाई फाइबर इंग्रेडिएंट्स से भरपुर होने के कारण पेट को लंबे समय तक भरा रखता है, जिसे ओवरईटिंग की संभावना कम होती है और वजन घटाने में भी मदद करता हैं.

गुच्छी मशरूम की खेती

गुच्छी मशरूम को उगाना आसान नहीं है. लेकिन अब वैज्ञानिकों और कृषि विशेषज्ञों ने आर्टिफिशियल तरीके से गुच्छी मशरूम की खेती शुरू की है. यह मुख्य रूप से जंगली और पहाड़ी क्षेत्रों में होता है. इसकी खेती के लिए ठंडी और नम जलवायु की आवश्यकता होती है. इस मशरूम को ज्यादातर बर्फबारी के बाद या फिर जंगल की आग के बाद देखा जाता है.

नमी और छांव जरूरी

गुच्छी मशरूम को उगाने के लिए सबसे पहले आपको ऐसे स्थान की जरूरत होती है, जहां नमी और हल्की छांव हो. आमतौर पर पौधे की ग्रोथ के लिए सामान्य या बलुई मिट्टी की जरूरत होती है, किंतु इस पौधे की अच्छी ग्रोथ के लिए खारी मिट्टी बेहतर होती हैं. खारी मिट्टी यानी जिस मिट्टी में सोडियम और क्लोराइड जैसे आयनों की मात्रा ज्यादा होती है. इसकी खेती के लिए स्पॉर यानी बीज का प्रयोग किया जाता है.

कितना हो तापमान

बीज को मिट्टी में बोने के बाद उसे सही तापमान और नमी पर रखना जरूरी होता है. इसे उगाने के लिए 10-20 डिग्री सेल्सियस तापमान और 75-85% नमी चाहिए होती है. इस नमी को बनाए रखने के लिए कृषि विशेषज्ञों ने हाइड्रोपोनिक्स (पानी में खेती) और ग्रीनहाउस तकनीक के बारें में बताया है. ग्रीनहाउस में तापमान और नमी को कंट्रोल किया जाता है, जिससे पौधे को सही नमी मिलती है.

Published: 25 Mar, 2025 | 05:30 PM