अब किसानों को अपने खेत की मिट्टी की ताकत जानने के लिए कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं है. उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए एक नई और आसान सुविधा शुरू की है. अब किसान मोबाइल ऐप के जरिए अपने गांव में ही मिट्टी की जांच करवा सकते हैं. इसके साथ ही किसान बिल्कुल फ्री में मृदा स्वास्थ्य कार्ड पा सकते हैं.
मिट्टी जांच के लिए तारीखें तय
राज्य के कृषि विभाग ने बताया है कि प्रदेश के सभी जिलों में कुल 16,520 गांवों को इस काम के लिए चुना गया है. इन गांवों में 21, 25, 29 अप्रैल और 5 मई 2025 को मिट्टी के नमूने लिए जाएंगे. इस अभियान का मकसद है कि खरीफ 2025 की फसल से पहले, इन गांवों में से 70% गांवों के खेतों से 100-100 नमूने लिए जाएं और उनकी जांच कर किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया जाए.
क्या है मृदा स्वास्थ्य कार्ड?
मृदा स्वास्थ्य कार्ड एक तरह की रिपोर्ट होती है, जिससे पता चलता है कि खेत की मिट्टी में कौन-कौन से पोषक तत्व मौजूद हैं और किस चीज की कमी है. इससे उन्हें यह समझने में मदद मिलती है कि किस उर्वरक या खाद का इस्तेमाल करना है.
मोबाइल ऐप से होगा काम
भारत सरकार ने एक खास मोबाइल ऐप तैयार किया है जिससे मिट्टी के नमूने की जानकारी सीधे ऑनलाइन भेजी जाएगी. इससे काम जल्दी और पारदर्शी तरीके से होगा, और किसानों को रिपोर्ट भी जल्दी मिलेगी.
किसानों से अपील- आगे बढ़कर लें भाग
कृषि विभाग के डॉ. मनमोहन लाल, जो कि मिट्टी की टेस्टिंग से जुड़े अधिकारी हैं, उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे इस अभियान में खुले दिल से भाग लें. विभाग के कर्मचारी और कृषि सखियां गांवों में जाकर खेतों से मिट्टी के नमूने लेंगी. किसानों को चाहिए कि वे इस काम में सहयोग करें और मुफ्त जांच का पूरा फायदा उठाएं.
मिट्टी की जांच से क्या फायदा होगा?
इस टेस्टिंग के जरिए किसान जान सकेंगे कि उनके खेत की मिट्टी को कौन-कौन सी खाद की जरूरत है. वे उसी के हिसाब से खाद डालकर फसल की पैदावार बढ़ा सकेंगे. इससे खर्चा भी बचेगा और जमीन की सेहत भी सुधरेगी.