सफेद चावल धान के छिलके, भूसी और चोकर को हटाकर तैयार किया जाता है, जिससे इसके पोषक तत्व काफी हद तक नष्ट हो जाते हैं. 

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सफेद चावल को लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है और पकाने पर यह नरम, स्वादिष्ट व पचाने में आसान लगता है.

ब्राउन राइस की सबसे खास बात यह है कि इसमें चोकर और भूसी बने रहते हैं, जिससे इसमें पोषक तत्व अधिक मात्रा में पाए जाते हैं.

ब्राउन राइस को पकाने में समय अधिक लगता है और यह चबाने में थोड़ा हार्ड होता है लेकिन यह धीरे पचता है.

प्रोसेसिंग के दौरान सफेद चावल से परतें हटाई जाती हैं, जिससे उनमें मौजूद पोषण चला जाता है. ऐसे में इसमें बस कार्बोहाइड्रेट रह जाता है.

ब्राउन राइस का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है. यह ब्लड शुगर को नहीं बढ़ाता और डायबिटीज के मरीजों के लिए ज्यादा सुरक्षित है.

ब्राउन राइस में फाइबर ज्यादा और कैलोरी कम होती है, जिससे यह वजन कंट्रोल में सहायक होता है. यह मेटाबॉलिज्म को बेहतर करता है.

ब्राउन राइस में मौजूद न्यूट्रिएंट्स जैसे मैग्नीशियम और कम फैट हार्ट के लिए लाभदायक होते हैं. यह कोलेस्ट्रॉल को भी बैलेंस करता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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