गेंदे के फूल में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण न केवल इसे धार्मिक कार्यों में उपयोगी बनाते हैं, बल्कि त्वचा संबंधी समस्याओं में भी कारगर हैं.

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त्योहारों में सजावट से लेकर पूजा-पाठ तक गेंदे का फूल सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला फूल है, जो वातावरण को भी शुद्ध करता है.

गेंदे के पौधे को खेतों की मेड़ों पर लगाने से कीट और हानिकारक जीव दूर रहते हैं, जिससे मुख्य फसलों को प्राकृतिक सुरक्षा मिलती है.

इसके साथ ही आयुर्वेद में गेंदे के फूल और पत्तियां त्वचा रोगों से लेकर घाव भरने तक में लाभकारी माना जाते हैं.

गेंदे के फूल में एंटीफंगल तत्व होते हैं, जो दाद, खाज, खुजली जैसी परेशानियों को कम करने में मदद करते हैं और त्वचा को राहत देते हैं.

गेंदे के फूलों की खेती करके किसान कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं, क्योंकि इसकी मांग सालभर बनी रहती है.

इसके साथ ही गेंदे के पौधे को खेतों में लगाने से कीड़े या दूसरे हानिकारक जीव दूर रहते खेतों से दूर रहते हैं.

गेंदे के फूलों से तैयार किया गया अर्क त्वचा की सूजन कम करने रोकने में मदद करता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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