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गेंदे की खेती में बीज, खाद और सिंचाई का खर्च कम होता है लेकिन इस फसल में किसानों को मुनाफा काफी अधिक मिलता है.
गेंदे की फसल लगभग 60 से 75 दिनों में तैयार हो जाती है, जिससे किसान साल में कई बार उत्पादन कर पाते हैं.
शादी, पूजा और त्योहारों के समय बाजार में गेंदे के फूलों की भारी मांग रहती है, जिससे किसानों को इसके अच्छे दाम मिलते हैं.
गेंदे की किस्में ऐसी हैं जिन्हें गर्मी, सर्दी और बारिश में उगाया जा सकता है, जिससे लगातार आय होती है.
गेंदे के फूल न केवल स्थानीय मंडियों में बिकते हैं, बल्कि शहरी बाजारों में भी इसकी भारी मांग रहती है.
खास बात ये है कि, गेंदे को अधिक पानी की जरूरत नहीं होती, जिससे कम सिंचाई वाले क्षेत्रों में भी इसकी खेती मुमकिन है.
गेंदा के फूल का न्यूनतम मूल्य भी अच्छा बना रहता है, जिससे किसानों को नुकसान का खतरा भी कम हो जाता है.
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