कहीं आप भी तो नहीं खा रहे नकली घी? जानें कैसे करें पहचान
नकली घी को तैयार करने में सस्ते तेल, रसायन या मिलावटी पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है. जिससे पेट खराब, गैस, अपच, और कई बार लिवर या किडनी से जुड़ी गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं.

घी भारतीय रसोई का अहम हिस्सा है. चाहे पूड़ी तलनी हो, दाल में तड़का लगाना हो या हलवा बनाना हो, घी हर जगह स्वाद बढ़ाता है. लेकिन आजकल बाजार में नकली घी धड़ल्ले से बिक रहा है, जो न सिर्फ स्वाद खराब करता है, बल्कि सेहत के लिए भी खतरनाक हो सकता है. ऐसे में जरूरी है कि हम असली और नकली घी की पहचान करना सीखें.
नकली घी से सेहत को खतरा
नकली घी को तैयार करने में सस्ते तेल, रसायन या मिलावटी पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है. इससे घी की कीमत तो कम हो जाती है, लेकिन इसका असर सीधा आपकी सेहत पर पड़ता है. नकली घी खाने से पेट खराब, गैस, अपच, और कई बार लिवर या किडनी से जुड़ी गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं. बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह और भी ज्यादा हानिकारक हो सकता है. इसलिए जरूरी है कि समय रहते नकली घी को पहचानें और उसका सेवन बंद करें.
असली नकली की पहचान कैसे करें?
आजकल बाजार में नकली घी की भरमार है, जो देखने में तो असली जैसा लगता है, लेकिन स्वाद और सेहत दोनों के लिए नुकसानदायक हो सकता है. ऐसे में यह जानना बहुत जरूरी है कि असली और नकली घी में क्या फर्क है और इसकी पहचान घर बैठे कैसे की जा सकती है.
पिघलाने से पहचानें
थोड़ा सा घी चम्मच में लेकर गर्म करें. अगर घी जल्दी पिघल जाए और उसमें हल्की, शुद्ध खुशबू आए तो वह असली है. जबकि नकली घी पिघलने में समय लेता है और उसमें अजीब गंध आ सकती है. कभी-कभी नकली घी में झाग भी बनने लगता है.
हाथ से घिसकर देखें
थोड़ा सा घी अपनी उंगली पर लेकर रगड़ें. असली घी तुरंत पिघल जाएगा और उसमें से प्राकृतिक सी खुशबू आएगी. वहीं अगर घी देर से पिघले या उसमें कोई चिपचिपाहट हो, तो वह शुद्ध नहीं है.
पानी में मिलाकर जांचें
एक ग्लास पानी लें और उसमें थोड़ा घी डालकर अच्छी तरह हिलाएं. अगर पानी में झाग बनने लगे, तो समझ लें कि घी में साबुन या किसी केमिकल की मिलावट है. असली घी में झाग नहीं बनता.
रंग और गंध से करें पहचान
असली देसी घी का रंग हल्का पीला या सुनहरा होता है और उसमें हल्की, मनभावन खुशबू होती है. अगर घी का रंग सफेद हो, या उसमें तेज, अजीब गंध आए, तो वह नकली हो सकता है.
ठंड में घी का व्यवहार
सर्दी के मौसम में असली घी जमकर सफेद हो जाता है और कमरे के तापमान पर धीरे-धीरे पिघलता है. नकली घी या तो पूरी तरह जमता नहीं या पिघलने में बहुत देर लगाता है.
खरीदते समय रखें सावधानी
जब भी आप घी खरीदें, तो कोशिश करें कि वह किसी भरोसेमंद ब्रांड या स्थानीय डेयरी से ही लिया जाए. बाजार में बहुत से ऐसे उत्पाद हैं जो सस्ते दाम में घी बेचते हैं, लेकिन उनमें मिलावट की संभावना ज्यादा होती है. पैक्ड घी खरीदते समय लेबल जरूर पढ़ें, उस पर एफएसएसएआई नंबर, मैन्युफैक्चरिंग डेट, और कंपनी की जानकारी साफ-साफ होनी चाहिए. अगर ऐसा नहीं है, तो ऐसे घी से दूरी बनाना ही समझदारी है.