ट्रैक्टर के टायरों में पानी क्यों भरते हैं किसान? जानिए इसके बड़े फायदे

खेतों में अक्सर मिट्टी गीली होती है, ऐसे में हल्के टायर फिसलने लगते हैं. लेकिन जब टायरों में 60 से 80 फीसदी तक पानी भरा हो, तो वे भारी हो जाते हैं और जमीन पर मजबूत पकड़ बना लेते हैं.

ट्रैक्टर के टायरों में पानी क्यों भरते हैं किसान? जानिए इसके बड़े फायदे
नई दिल्ली | Published: 16 Apr, 2025 | 09:48 AM

आज के दौर में खेती सिर्फ हल-बैल तक सीमित नहीं रही. अब ट्रैक्टर किसानों के सच्चे साथी बन चुके हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कुछ किसान ट्रैक्टर के टायरों में पानी क्यों भरते हैं? सुनने में अजीब लगता है न? मगर इसके पीछे की वजह बेहद दिलचस्प और फायदे से भरी है. तो चलिए जानते हैं क्यों किसान कर रहे हैं इस तरह के नए एक्सपेरिमेंट.

खेत में जबरदस्त पकड़

किसान जब ट्रैक्टर के टायरों में पानी भरते हैं, तो उसका मकसद साफ होता है, ट्रैक्टर को जमीन से और मजबूती से जोड़ना. खेतों में अक्सर मिट्टी गीली होती है, ऐसे में हल्के टायर फिसलने लगते हैं. लेकिन जब टायरों में 60 से 80 फीसदी तक पानी भरा हो, तो वे भारी हो जाते हैं और जमीन पर मजबूत पकड़ बना लेते हैं.

इसे कहते हैं वॉटर बैलेस्टिंग

इस तकनीक को अंग्रेजी में Water Ballasting कहते हैं. इससे ट्रैक्टर की ग्रिप बढ़ती है, और फिसलन वाले खेतों में काम करना आसान हो जाता है. साथ ही ट्रैक्टर की खींचने की ताकत भी बढ़ती है, जिससे उत्पादकता में सीधा फायदा होता है.

ट्यूब हो या ट्यूबलेस, दोनों में भरता है पानी

कई लोग सोचते हैं कि सिर्फ ट्यूब वाले टायरों में ही पानी भरा जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं है. आजकल ट्रैक्टर टायरों में खास तरह के एयर और वॉटर वॉल्व लगे होते हैं, जिससे ट्यूब और ट्यूबलेस दोनों तरह के टायरों में आसानी से पानी भरा जा सकता है.

वजन बढ़ा, काम आसान

पानी से भरे टायर ट्रैक्टर के कुल वजन को बढ़ा देते हैं. इससे न सिर्फ खेत में ग्रिप मिलती है, बल्कि ट्रैक्टर ज्यादा वजन उठाने और खींचने में भी सक्षम हो जाता है. यही वजह है कि किसान भारी कामों के लिए अब इस तकनीक को अपनाने लगे हैं.

खेती में प्रयोग, जो बन गया आदत

किसानों की यह छोटी-सी जुगाड़ अब खेती की जरूरत बनती जा रही है. इससे पता चलता है कि तकनीक और परंपरा जब मिलती है, तो खेती भी आसान और ज्यादा लाभदायक बन सकती है.

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