आम के दुश्मन हैं मधुआ और दहिया कीट, किसान जान लें निपटने का तरीका

मधुआ और दहिया जैसे कीट आम की फसल के बड़े दुश्मन हैं. सही समय पर खेत की सफाई, मिट्टी की देखभाल और कीट नियंत्रण से इनसे बचाव मुमकिन है.

आम के दुश्मन हैं मधुआ और दहिया कीट, किसान जान लें निपटने का तरीका
Noida | Updated On: 5 Apr, 2025 | 09:50 PM

भारत में आम को ‘फलों का राजा’ कहा जाता है. लेकिन इस राजा की परवरिश इतनी आसान नहीं होती. एक अच्छा आम तैयार होने में किसान की मेहनत, मौसम का साथ और सबसे जरूरी होता है सही से देखभाल करना. हर साल हजारों किसान आम की खेती करते हैं, लेकिन कई बार मेहनत का फल नहीं मिल पाता. जिसकी मुख्य वजह होती है, कीटों का हमला. खासकर मधुआ और दहिया कीट ऐसे दुश्मन हैं जो पेड़ की जड़ों से लेकर फलों तक को चुपचाप नुकसान पहुंचाते हैं.

अगर समय रहते इन पर ध्यान न दिया जाए, तो पूरी फसल बर्बाद हो सकती है. इन कीटों से बचने के लिए किसानों को बिहार सरकार के कृषि विभाग ने कुछ आसान उपाय बताए हैं. तो चलिए जानते हैं कैसे ये कीड़े आम को नुकसान पहुंचाते हैं और इनसे बचने के उपाय क्या हैं?

मधुआ और दहिया कैसे पहुंचाते हैं आम को नुकसान?

मधुआ कीट : बात करें इन कीड़ों कि तो मधुआ कीट आम के पेड़ों की मंजरियों और तनों का रस चूसता है. शुरुआत में पता नहीं चलता, लेकिन धीरे-धीरे पेड़ कमजोर पड़ने लगता है. अगर ध्यान न दिया गया तो पूरा पेड़ सूख कर काला पड़ जाता है.

दहिया कीट:  यह कीट भी पेड़ से रस चूसता है, लेकिन इसका असर सीधे फल पर पड़ता है. इसके असर से पेड़ पर लगे फल समय से पहले झड़ जाते हैं. यानी जितनी मेहनत की, वो सब बेकार.

इन कीड़ों से कैसे बचाव करें?

इन कीड़ों से बचने के लिए कृषि विभाग ने कुछ आसान उपाय बताए हैं. जो कि इस प्रकार हैं-

  1. बाग की नियमित सफाई करते रहें. इससे कीड़ों को पनपने का मौका नहीं मिलेगा.
  2. पेड़ के आस-पास की मिट्टी की जुताई करें. इससे जमीन में पड़े कीड़ों के अंडे खत्म हो जाते हैं.
  3. मुख्य तने पर प्लास्टिक की पट्टी लपेटें, और उस पर ग्रीस लगाएं। इससे कीट पेड़ के ऊपर नहीं चढ़ पाएंगे.
  4. आम की तोड़ाई के बाद भी खेत की जुताई जरूर करें, ताकि अगली बार के लिए जमीन साफ हो जाए.
  5. बिहार एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट का मानना है कि इन उपायों को अपनाकर किसान अपने बागों को कीटों से बचा सकते हैं और आम की पैदावार भी बढ़ा सकते हैं.
Published: 6 Apr, 2025 | 08:10 AM

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