महिला समूहों को ड्रोन खरीदने पर मिलेगी 80 फीसदी तक सब्सिडी!
नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन खरीदने पर 80 फीसदी तक की सब्सिडी दी जाएगी, जिससे वे कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का उपयोग कर सकें.

खेती-किसानी के क्षेत्र में तकनीक तेजी से बदलाव ला रही है. खासतौर पर ड्रोन टेक्नोलॉजी अब कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने का काम कर रही है. इसे देखते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नमो ड्रोन दीदी योजना का लाभ महिलाओं को लेने के लिए प्रेरित कर रही है. योजना का उद्देश्य महिलाओं को तकनीकी रूप से सशक्त बनाना और खेती में आधुनिक तकनीक को बढ़ावा देना है. इस योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) को ड्रोन खरीदने पर 80% तक की सब्सिडी दी जाएगी.
सरकार ने DAY-NRLM के तहत 30 नवंबर 2024 को महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) को ड्रोन प्रदान करने के लिए एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना, नमो ड्रोन दीदी योजना की शुरुवात की गई थी. सरकार का मानना है कि ड्रोन का इस्तेमाल करने से फसलों की देखभाल, खाद एवं कीटनाशकों के छिड़काव और निगरानी जैसे कार्य अधिक कुशल तरीके से किए जा सकते हैं. इससे न केवल किसानों की लागत कम होगी, बल्कि उनकी पैदावार और मुनाफा भी बढ़ेगा. तो आइए, जानते हैं कि इस योजना के तहत कौन-से लाभ मिलेंगे और इसे कैसे प्राप्त किया जा सकता है.
क्या है नमो ड्रोन दीदी योजना?
नमो ड्रोन दीदी योजना केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन टेक्नोलॉजी से जोड़ना और उन्हें सशक्त बनाना है. इस योजना के तहत महिलाओं को 80% तक की सब्सिडी पर ड्रोन खरीदने की सुविधा दी जाएगी. इसका मतलब यह हुआ कि अगर कोई महिला समूह 10 लाख रुपये की ड्रोन खरीदती है, तो उन्हें 8 लाख रुपये की सब्सिडी मिलेगी और उसे केवल 2 लाख रुपये ही देने होंगे. सरकार इस योजना के माध्यम से देशभर में 14,000 से अधिक महिला स्वयं सहायता समूहों को फाइनेंशियल सहायता प्रदान करेगी, जिससे वे ड्रोन का उपयोग कर कृषि क्षेत्र में नई संभावनाएं पैदा कर सकें.
ड्रोन से किसानों को क्या मिलेगा?
महिला समूह इन ड्रोनों का इस्तेमाल किसानों को किराए पर सेवाएं देने के लिए भी कर सकते हैं. इससे किसान बिना खुद ड्रोन खरीदे कम लागत में इसका लाभ उठा सकते हैं. इस योजना के तहत मिलने वाले ड्रोन में कई आधुनिक सुविधाएं होंगी, जिससे किसानों को लाभ मिलेगा.
डाउनवर्ड कैमरा: खेतों की निगरानी और फसलों की स्थिति को जानने में मदद करेगा.
माउंटेड फर्टिलाइजर स्प्रेयर: खाद एवं कीटनाशकों के छिड़काव के लिए.
अतिरिक्त बैटरी के चार सेट: जिससे लंबे समय तक ड्रोन का उपयोग किया जा सके.
चार्जर: ड्रोन बैटरियों को चार्ज करने के लिए.
ड्रोन के इस्तेमाल से क्या होंगे फायदे?
ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल से खेती में कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) खड़गपुर के एक अध्ययन के अनुसार, ड्रोन के जरिए खाद एवं कीटनाशकों के छिड़काव से फसल उत्पादन में 40% तक की वृद्धि हो सकती है. इसके अलावा, इस तकनीक से किसानों के लिए खेती करना आसान और कम खर्चीला हो जाएगा.
ड्रोन तकनीक से होने वाले प्रमुख फायदे:
- कम समय में अधिक काम: पारंपरिक तरीकों की तुलना में ड्रोन से खाद और कीटनाशकों का छिड़काव 10 गुना तेज होता है.
- कम लागत: श्रमिकों की कमी और महंगी मजदूरी की समस्या से राहत मिलेगी, जिससे कुल लागत कम होगी.
- सटीकता में वृद्धि: ड्रोन खेतों की सटीक निगरानी कर सकते हैं और केवल जरूरत वाली जगह पर ही स्प्रे करते हैं, जिससे खाद और कीटनाशकों की बचत होती है.
- खेतों की हेल्थ मॉनिटरिंग: ड्रोन फसलों की वास्तविक स्थिति का विश्लेषण करके किसानों को सही समय पर निर्णय लेने में मदद करेंगे.
- पर्यावरण संरक्षण: कम रसायनों के इस्तेमाल से मिट्टी और पानी को होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है.
ड्रोन से महिलाओं को कैसे मिलेगा रोजगार?
इस योजना के तहत, सरकार महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) को न केवल ड्रोन देगी, बल्कि उन्हें ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग भी देगी. इससे महिलाएं न केवल अपने खेतों के लिए, बल्कि अन्य किसानों को किराए पर ड्रोन सेवा देकर आय भी कमा सकती हैं. इससे ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के लिए नई नौकरियों और उद्यमिता के अवसर खुलेंगे. कृषि क्षेत्र में तकनीकी कौशल वाली महिलाओं की मांग बढ़ेगी, जिससे उन्हें आत्मनिर्भर बनने का मौका मिलेगा.
तो वहीं नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, भारतीय ड्रोन उद्योग 2020-21 में 60 करोड़ रुपये का था, जो 2024-25 तक बढ़कर 900 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है. इससे स्पष्ट है कि आने वाले वर्षों में ड्रोन टेक्नोलॉजी एक बड़ा बिजनेस सेक्टर बनने जा रही है. सरकार इस सेक्टर में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाकर ‘नारी सशक्तिकरण’ और आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को पूरा करना चाहती है.
कैसे करें आवेदन?
यदि आप महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी हैं और इस योजना का लाभ लेना चाहती हैं, तो इसके लिए आपको आवेदन करना होगा. आवेदन प्रक्रिया:
- आधिकारिक पोर्टल पर जाएं,रजिस्ट्रेशन करें और आवश्यक जानकारी भरें.
- समूह की जानकारी और सदस्यों के दस्तावेज अपलोड करें.ड्रोन खरीदने के लिए आवश्यक बैंकिंग दस्तावेज और आवेदन शुल्क जमा करें.
- स्वीकृति मिलने के बाद सरकार 80% सब्सिडी की राशि सीधे आपके बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी.
- इसके अलावा, स्थानीय कृषि विभाग कार्यालय और पंचायत स्तर पर भी आवेदन कर सकते हैं.