फसल की कटाई के लिए जरूरी है रोटावेटर मशीन, जानें इसके प्रयोग और फायदे
खेती के लिए जरूरी यह मशीन एक मोटर की मदद से ऑपरेट होती है. मोटर की मदद से ब्लेड रोटेट होते हैं और मिट्टी पलटती है. रोटावेटर आम तौर पर मिट्टी को मोड़ने वाली मशीनें होती हैं जो टिलर की तरह ही काम करती हैं.

रोटावेटर या टिलर, आज किसानों के लिए एक अहम कृषि यंत्र है और इसके बगैर फसलों की कटाई मुश्किल हो जाती है. इस मशीन के प्रयोग से न केवल किसानों की मेहनत बचती है बल्कि उनके समय की भी बचत होती है. साथ ही खेती की लागत भी कम होती है. किसानों के लिए फसल की कटाई का काम आसान हो और उन्हें इसे खरीदने में ज्यादा मुश्किलें न हों, इसके लिए सरकार की तरफ से इस पर आसान शर्तों पर सब्सिडी भी मुहैया कराई जाती है.
मिट्टी को तोड़ने में मदद
रोटावेटर का प्रयोग बगीचों में बीज बोने से पहले मिट्टी को तोड़ने, मथने और हवा देने के लिए किया जाता है. रोटावेटर में घूमने वाले ब्लेड लगे होते हैं और इनकी मदद से मिट्टी को तोड़ने में मदद मिलती है. टूटी हुई मिट्टी में जल निकासी बढ़ती है और जमीन समतल होती है. इससे सब्जी के पौधों और फसलों के रोपण के लिए तैयार किया जाता है. इस उपकरण की मदद से किसान के लिए ईंधन की खपत कम होती है और समय भी बचता है. फसल से पहले मिट्टी को तैयार करने के लिए रोटावेटर एक उपयोगी मशीन है.
मोटर से ऑपरेट होती मशीन
खेती के लिए जरूरी यह मशीन एक मोटर की मदद से ऑपरेट होती है. मोटर की मदद से ब्लेड रोटेट होते हैं और मिट्टी पलटती है. रोटावेटर आम तौर पर मिट्टी को मोड़ने वाली मशीनें होती हैं जो टिलर की तरह ही काम करती हैं. जबकि सभी रोटावेटर एक ही काम करते हैं कई मॉडलों में अलग-अलग विशेषताएं होती हैं. रोटावेटर की मदद से बीज की बुवाई आसान होती है. साथ ही इसके प्रयोग से मक्का, गेहूं, चना जैसी फसलों के अवशेषों को भी आसानी से हटाया जा सकता है. रोटावेटर के प्रयोग से पैसे, लागत, समय और ईंधन की बचत होती है जिससे खेती की लागत में कमी आती है.
सरकार की तरफ से मिलती है सब्सिडी
सरकार की तरफ से रोटावेटर या बाकी कृषि उपकरणों की खरीद पर सब्सिडी दी जाती है. सब्सिडी की राशि छोटे, मध्यम या सीमांत किसान, उपकरण और योजना के आधार पर अलग-अलग हो सकती है. राज्य सरकार अधिकृत डीलर से कृषि उपकरण खरीदने वाले किसानों को 50 फीसदी तक की सब्सिडी देती है.