क्या है फार्मर रजिस्ट्री के जिसके बगैर नहीं मिलेगी पीएम किसान की कोई भी किस्त
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 फरवरी 2025 को बिहार के भागलपुर से 19वीं किस्त जारी कर दी. वहीं किसानों के लिए यह भी बहुत जरूरी है कि वो इस स्कीम का फायदा उठाने के लिए हर जरूरी काम को पूरा रखें.

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना, भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल मानी जाती है. इसका मकसद देश के छोटे और मझोले किसानों को आर्थिक सहायता मुहैया कराना है. योजना में उन्हें आर्थिक सहायता दी जाती है ताकि किसान अपनी फसलों का उत्पादन बढ़ा सकें. इस योजना के तहत योग्य किसानों को हर साल 6,000 रुपये की आर्थिक मदद तीन किस्तों में सरकार की तरफ से दी जाती है. इस योजना की अब तक 18 किस्तें जारी कर चुकी है और पिछले दिनों 19वीं किस्त का इंतजार भी खत्म हो गया.
24 फरवरी को आएगी किस्त
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी 2025 को बिहार के भागलपुर से 19वीं किस्त जारी की. वहीं किसानों के लिए यह भी बहुत जरूरी है कि वो इस स्कीम का फायदा उठाने के लिए हर जरूरी काम को पूरा रखें. इसमें से ही एक है फार्मर रजिस्ट्री और अगर किसान इससे चूक गए तो फिर उन्हें इस स्कीम का फायदा नहीं मिल पाएगा. 19वीं किस्त के लिए फार्मर रजिस्ट्री की डेडलाइन 31 जनवरी थी. अब आने वाले दिनों में जब 20वीं किस्म आएगी तो इसका पूरा होना बहुत जरूरी है. इसके बारे में किसानों को पूरी जानकारी होना बहुत जरूरी है.
फार्मर रजिस्ट्री का मकसद
फार्मर रजिस्ट्री का मकसद जमीनों को लेकर होने वाली धोखाधड़ी को नियंत्रित करना है. साथ ही इससे यह पता लग सकेगा कि किस किसान के पास कितनी जमीन है. इस तरह से जमीनों की हेराफेरी होने से बचेगी और जमीन पर मिलने वाली सुविधाएं भी किसानों को आसानी से मिल सकेंगी. फार्मर रजिस्ट्री के लिए किसान के पास खतौनी, आधार कार्ड और आधार कार्ड से लिंक मोबाइल नंबर, जिस पर ओटीपी पा सकें, होना जरूरी है.
किसान मोबाइल ऐप Farmer Registry UP या फिर वेब साइट upfr.agristack.gov.in पर लॉगइन करके फार्मर रजिस्ट्री का काम पूरा कर सकते हैं. भले ही 19वीं किस्त से पहले कुछ किसान इस काम को करने से चूक गए हों लेकिन अगली किस्त के लिए इस काम को पूरा करना बहुत जरूरी है. इसके बाद उनको सम्मान निधी का लाभ मिलेगा.
किसी भी कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर किसान फार्मर रजिस्ट्री करा सकते हैं. किसान के पास आधार ओटीपी के लिए आधार लिंक मोबाइल नंबर होना चाहिए, गाटा संख्या के लिए खतौनी या उसे गाटा संख्या की जानकारी होनी चाहिए खतौनी की प्रति हो तो बेहतर होगा, इसके साथ फार्मर रजिस्ट्री की जा सकती है.
क्या हैं फार्मर रजिस्ट्री के फायदे
फॉर्मर रजिस्ट्री के बाद बार-बार ईकेवाईसी की जरूरत नहीं होगी.
फसल लोन, फसल बीमा, सम्मान निधि और आपदा राहत भी आसानी से मिल सकेगी.
बैंक से डिजिटल केवाईसी के जरिये अधिकतम 2 लाख रुपये का लोन बिना किसी दस्तावेज के मिल सकेगा.
कृषि और कृषि से संबंधित विभाग की सभी योजनाओं में सब्सिडी का फायदा पारदर्शी तरीके और आसानी से उपलब्ध हो सकेगा.
किसानों को फसली लोन और फसल बीमा की क्षतिपूर्ति और आपदा राहत पाने में भी आसानी होगी.
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद में किसानों का पंजीकरण ऑनलाइन माध्यम से हो सकेगा.
संस्थागत खरीददारों से जुड़कर किसानों को अपनी फसलों का उचित दाम पाने में सुविधा होगी.
फार्मर रजिस्ट्री होने के बाद कोई भी डाटा रियल टाइम खतौनी के माध्यम से अपडेट होकर फार्मर रजिस्ट्री में अपडेटेड होता रहेगा.