ओलावृष्टि ने सेब की फसल को बर्बाद किया, फल बनने से पहले ही गिर गए फूल
उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में इस बार का मौसम बागवानों के लिए मुसीबत बनकर आया है. खासकर उत्तरकाशी जिले में बुधवार शाम हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि ने सेब की खेती को भारी नुकसान पहुंचाया है.

उत्तरकाशी में आंधी-बारिश और ओले गिरने से फसलों को नुकसान पहुंचा है. किसानों ने बताया कि फल बनने से पहले ही फसल चौपट हो गई है.
उत्तरकाशी जिले के टुंडा तहसील के मंजगांव में सेब की बागवानी करने वाले किसान राम चंद्र नौटियाल का कहना है कि इस बार सेब में फूल बहुत अच्छा आया था. लेकिन यह आसमानी आफत ने काफी नुकसान कर दिया.
इसके साथी ही सेब के पौधों में इस समय फ्लावरिंग हो रही थी, लेकिन ओलावृष्टि से फूल झड़ने लगे हैं जिससे उत्पादन पर बुरा असर पड़ रहा हैं.
उत्तरकाशी जिले में सेब की खेती 1172 हेक्टेयर में की जाती है, लेकिन भरी बारिश-ओलावृष्टि के कारण लाखों का नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है.
राम चंद्र नौटियाल आगे बताते हैं बागवानों में ओलों से बचाव के लिए हेल नेट भी लगाएं थे, लेकिन इस बार ओलों से बारिश और ओलावृष्टि सेब के लिए घातक साबित हो रहा है.
कई किसानों का कहना है कि कहना है कि यदि अप्रैल के पहले सप्ताह में भी बारिश और ठंड जारी रहा तो सेब का उत्पादन इस साल काफी गिर सकता है.
उत्तराखंड में मौजूदा बीमा कंपनियां 16 अप्रैल से 15 जून तक की आपदा को ही कवर करती है, वहीं अगर इसे पहले कुछ नुकसान होता है तो बीमा कंपनियों की ओर से किसी भी प्रकार की राहत नहीं दी जाती है.
उत्तराखंड जिला उद्यान अधिकारी डॉ. दिवांकर तिवारी ने बताया कि जल्द ही नुकसान का सर्वे किया जाएगा. वहीं उन्होंने किसानों को बगीचों में पानी जमा न होने देने और जरूरत पड़ने पर फफूंदनाशक का छिड़काव करने की सलाह दी है.