सूरजमुखी की इन किस्मों की खेती से होगा बंपर फायदा
सूरजमुखी, देखने में जितना खूबसूरत, उससे कहीं ज्यादा फायदेमंद. गर्मी के मौसम में इसके फायदे किसानों के लिए दोगुने हो जाते हैं.

गर्मी के मौसम में सूरजमुखी की खेती कई तरह से मुनाफ देने वाली हो सकती है. इस फसल में पानी की जरूरत कम होती है. ऐसे क्षेत्रों के किसान जहां पानी कम हैं, वहां पर इसकी खेती से फायदा उठा सकते हैं.
किसान सूरजमुखी की फसल को गर्मी की बाकी फसलों के साथ सहफसली खेती के तौर पर अपना सकते हैं. इससे किसानों को अतिरिक्त मुनाफा होगा और उनकी आय बढ़ेगी. यूं तो इसकी खेती खरीफ, रबी और जायद तीनों मौसमों में की जा सकती है लेकिन जायद के समय में इसकी उपज अच्छी होती है.
ज्यादातर किसान ज्यादा फायदा हासिल करने के लिए गर्मी में इसकी खेती करने लगे हैं. इसके सूरजमुखी के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनका लाभ किसान उठा सकते हैं. इसकी फसल अच्छे से बढ़े इसके लिए औसत तापमान 18 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए.
जायद के मौसम में सूरजमुखी की खेती के लिए किस्मों में मार्डन, सूर्या, एसएच- 3322, केवीएसएच- 1, ऍफएसएच- 17, बीएसएच- 1, हरियाणा सूरजमुखी, संजीन- 85, प्रोसन- 9 और एमएसएसएच- 848 को विशेषज्ञ बेहतर करार देते हैं.
जायद की फसल के लिए सूरजमुखी की बुआई फरवरी के दूसरे पखवाड़े में कर देनी चाहिए. बुआई कतारों में करनी चाहिए. लाइन से लाइन की दूरी 30-45 सेंटीमीटर होनी चाहिए. बुवाई के 15-20 दिन बाद पौधे से पौधे की दूरी 15 सेंटीमीटर कर देनी चाहिए.
जायद के सीजन में बोई जाने वाली सूरजमुखी की संकुल किस्मों से 12 – 15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और हाइब्रिड किस्मों से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज प्राप्त की जा सकती है.