हरियाणा में महंगी हुई बिजली-उपभोक्ताओं को लगा झटका, किसानों को मिली राहत
हरियाणा बिजली नियामक आयोग (HERC) ने मंगलवार को बिजली टैरिफ में 20 से 30 पैसे प्रति किलोवाट घंटा (kWh) की बढ़ोतरी का ऐलान किया है. जिसके बाद घरेलू और औद्योगिक उपभोक्ताओं को ज्यादा पैसे देने होंगे.

हरियाणा में बिजली के दामों में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया गया है. हरियाणा बिजली नियामक आयोग (HERC) ने मंगलवार को बिजली टैरिफ में 20 से 30 पैसे प्रति किलोवाट घंटा (kWh) की बढ़ोतरी का ऐलान किया है. जिसके बाद घरेलू और औद्योगिक उपभोक्ताओं को ज्यादा पैसे देने होंगे. तो आइए जानते हैं, ये बदलाव किस तरह से आपकी बिजली बिल को प्रभावित करेंगे और क्या नए नियम लागू किए गए हैं.
बिजली दरों में बढ़ोतरी
HERC के नए आदेश के अनुसार, अब आपको अपनी बिजली की खपत के लिए पहले से ज्यादा पैसे चुकाने होंगे. उदाहरण के तौर पर, अगर आपकी खपत 0 से 50 यूनिट तक है, तो पहले यह दर 2 रुपये प्रति किलोवाट घंटा थी, अब इसे बढ़ाकर 2.20 रुपये प्रति किलोवाट घंटा कर दिया गया है. इसी तरह, 51 से 100 यूनिट तक की खपत पर दर 2.50 रुपये से बढ़ाकर 2.70 रुपये प्रति kWh कर दी गई है.
अब अगर आपकी बिजली खपत 100 यूनिट से अधिक है, तो 0 से 150 यूनिट के स्लैब में बिजली दर 2.75 रुपये से बढ़कर 2.95 रुपये प्रति kWh हो गई है. इस बदलाव से साफ है कि अब आपको हर महीने अधिक पैसे चुकाने होंगे.
नई कैटेगरी और फिक्स चार्जेस
इसके अलावा, HERC ने एक नई कैटेगरी भी लागू की है. अब 5 किलोवाट से अधिक लोड वाले उपभोक्ताओं के लिए नया टैरिफ लागू किया गया है. अगर आपकी खपत 301 से 500 यूनिट के बीच है, तो अब आपको 6.45 रुपये प्रति kWh देना होगा, और अगर खपत 500 यूनिट से अधिक है, तो यह दर बढ़कर 7.10 रुपये प्रति kWh हो जाएगी. इसके अलावा, इन स्लैब्स में फिक्स चार्ज भी जोड़ा गया है, जो ₹50 प्रति किलोवाट होगा.
अगर आपकी खपत 0 से 500 यूनिट के बीच है, तो अब आपको 6.50 रुपये प्रति kWh देना होगा, और 501 से 1000 यूनिट के बीच खपत करने पर आपको 7.15 रुपये प्रति kWh चुकाने होंगे. वहीं, अगर आपकी खपत 1000 यूनिट से ऊपर जाती है, तो यह दर 7.50 रुपये प्रति kWh हो जाएगी. यानि, बड़े उपभोक्ताओं को अब पहले से ज्यादा पैसा देना होगा.
कृषि क्षेत्र के लिए राहत
किसानों के लिए एक अच्छी खबर है. दरअसल, मीटर वाले कृषि कनेक्शनों के लिए न्यूनतम मासिक शुल्क (MMC) को घटाकर ₹180 प्रति BHP सालाना कर दिया गया है. इसका मतलब है कि किसानों को अब अपनी बिजली की खपत पर थोड़ा कम खर्च करना पड़ेगा. यह कदम किसानों के लिए राहत देने वाला है, क्योंकि इससे उनका खर्च कम होगा.
औद्योगिक क्षेत्र में भी बढ़ी दरें
औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए भी दरों में बढ़ोतरी की गई है. 11 kVAh के लिए बिजली दर को ₹6.65 प्रति kVAh से बढ़ाकर ₹6.95 प्रति kVAh कर दिया गया है. इसके साथ ही, इस श्रेणी में फिक्स चार्ज भी बढ़ाए गए हैं, जो ₹165 प्रति kVA से बढ़ाकर ₹290 प्रति kVA कर दिए गए हैं. यह बढ़ोतरी औद्योगिक क्षेत्र पर भी असर डालेगी, क्योंकि अब उन्हें अपनी बिजली खपत के लिए ज्यादा भुगतान करना होगा.
क्या इसका असर होगा?
इस बढ़ोतरी का असर न सिर्फ घरेलू बल्कि औद्योगिक उपभोक्ताओं पर भी पड़ेगा. हालांकि, सरकार का कहना है कि नए टैरिफ संरचना से उपभोक्ताओं को राहत भी मिलेगी. अब, जो उपभोक्ता 300 यूनिट तक बिजली का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें न्यूनतम मासिक शुल्क (MMC) नहीं देना होगा. इसका मतलब है कि जो लोग कम बिजली का इस्तेमाल करते हैं, उनके लिए खर्च कम होगा. दरअसल, बिजली दरों में यह वृद्धि बिजली वितरण कंपनियों की वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए की गई है, ताकि वे भविष्य में बेहतर सेवाएं दे सकें.