गांव की बेटियां बन रहीं डेयरी उद्यमी, सब्सिडी पर मिल रहीं अच्छी नस्ल की गायें

उत्तर प्रदेश सरकार की नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना के तहत पुरुषों के साथ महिलाओं को भी डेयरी व्यवसाय में बढ़ावा दिया जा रहा है. योजना में किसानों को 50 फीसदी सब्सिडी के साथ 25 उन्नत नस्ल की गायें दी जा रही हैं.

गांव की बेटियां बन रहीं डेयरी उद्यमी, सब्सिडी पर मिल रहीं अच्छी नस्ल की गायें
नोएडा | Updated On: 28 Apr, 2025 | 11:46 AM

उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना सामने आई है, जो न सिर्फ उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने का अवसर प्रदान कर रही है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद कर रही है. यह योजना है नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना (Nandini Yojana), इसके  तहत किसानों को उन्नत नस्ल की गायें दी जा रही हैं, ताकि वे डेयरी व्यवसाय शुरू कर सकें. खास बात यह है कि इस योजना में महिलाओं को विशेष प्राथमिकता दी गई है, ताकि वे भी पशुपालन के क्षेत्र में कदम रख सकें और आर्थिक रूप से सशक्त बन सके. राज्य सरकार की ओर से इस योजना में 50 फीसदी अनुदान भी दिया जा रहा है, जिससे किसानों को व्यवसाय की शुरुआत में आर्थिक मदद मिल सके.

आत्मनिर्भरता की ओर कदम

महिलाओं के लिए इस योजना की अहमियत और भी बढ़ जाती है, क्योंकि इसे खासकर महिला किसानों को सशक्त करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है. पशुपालन क्षेत्र में महिलाओं को अपनी पहचान बनाने का यह सुनहरा अवसर है. विशेष तौर पर, महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने और उनके सशक्तिकरण के लिए यह योजना एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल परिवार की आय बढ़ाएगी बल्कि समाज में महिलाओं की भूमिका को भी मजबूत करेगी.

क्या है नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना

यह योजना किसानों को उन्नत डेयरी व्यवसाय से जोड़ने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का प्रयास करती है. इसके तहत, राज्य सरकार 25 गायों का वितरण करती है, जो किसानों को दूध उत्पादन के व्यवसाय में शुरुआत करने का अवसर प्रदान करती है. इसके साथ ही, डेयरी यूनिट स्थापित करने के लिए 50 फीसदी अनुदान भी दिया जाता है, ताकि शुरुआती दौर में किसी भी प्रकार की पूंजी की कमी न हो.

कौन कर सकता है आवेदन

इस योजना का लाभ उन किसानों को मिलेगा, जो उत्तर प्रदेश के निवासी हैं और जिनके पास कम से कम तीन साल का पशुपालन का अनुभव है. इसके अलावा, किसान के पास 0.5 एकड़ भूमि होनी चाहिए, जहां वह डेयरी यूनिट स्थापित कर सके. इसके अलावा 1.5 एकड़ भूमि चारे की खेती के लिए होनी चाहिए.

क्या चाहिए दस्तावेज?

योजना में आवेदन करने के लिए किसानों को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज़ चाहिए. इनमें आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक खाता विवरण, निवास प्रमाण पत्र और पासपोर्ट साइज फोटो शामिल हैं. इसके अलावा, आवेदन पत्र मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी के कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है.

ई-लॉटरी से होगा चयन

अगर आवेदकों की संख्या ज्यादा होती है तो मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में एक ई-लॉटरी प्रक्रिया के माध्यम से लाभार्थियों का चयन किया जाएगा.

लाभ और अन्य पहलू

योजना के तहत पशुओं के टैगिंग की प्रक्रिया सुनिश्चित की जाएगी, ताकि लाभार्थी किसानों की सही पहचान हो सके. राज्य सरकार ने इस योजना में किसानों का डाटाबेस तैयार करने का भी निर्णय लिया है, ताकि भविष्य में किसी भी सरकारी योजना का लाभ आसानी से मिल सके. इसके साथ ही, किसानों को दुग्ध सहकारी समितियों के माध्यम से दूध बेचने की सुविधा भी दी जाएगी, जिससे वे बाजार में अपनी उपज को बेचने में आसानी महसूस करेंगे.

Published: 27 Apr, 2025 | 07:43 PM

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