नींबू की इस खास किस्म से किसानों की चांदी, मिल रहा 5000 रुपये किलो तक दाम
यह फल देखने में आम नींबू जैसा नहीं होता, बल्कि इसके अंदर छोटे-छोटे मोती जैसे रस भरे दाने होते हैं, जिसे लोग "सिट्रस कैवियार" भी कहते हैं.

क्या आप कोई अनोखी खेती करना चाहते हैं, जो कम जगह में ज्यादा मुनाफा दे? अगर हां, तो फिंगर लाइम आपके लिए एक बेहतरीन ऑप्शन हो सकता है. यह फल देखने में आम नींबू जैसा नहीं होता, बल्कि इसके अंदर छोटे-छोटे मोती जैसे रस भरे दाने होते हैं, जिसे लोग “सिट्रस कैवियार” भी कहते हैं.
इसकी सबसे ज्यादा मांग पांच सितारा होटलों, महंगे रेस्तरां और विदेशी बाजारों में है. अब सवाल आता है कि इसकी खेती कैसे करें और इससे कमाई कैसे हो सकती है? चलिए, जानते हैं कैसे किसान इसकी खेती से मुनाफा कमा सकते हैं.
कैसे करें इसकी खेती?
जलवायु और मिट्टी
इसकी खेती गर्म और आर्द्र जलवायु में की जाती है. इसे 10°C से 35°C तक के तापमान में आसानी से उगाया जा सकता है. इसके लिए दोमट-बलुई और जल निकासी वाली मिट्टी होनी चाहिए. इसका pH 5.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए.
पौधों को लगाने का तरीका
सबसे पहले एक धूप वाली जगह चुनें, जहां ताजी हवा भी आती हो. 2×2 फीट का गड्ढा खोदें और उसमें जैविक खाद मिलाएं. फिर पौधे को गड्ढे में लगाकर अच्छी तरह पानी दें. ध्यान रहे एक पेड़ से दूसरे पेड़ के बीच 8-10 फीट की दूरी होनी चाहिए, ताकि वे अच्छे से बढ़ सकें.
बीज से उगाएं या ग्राफ्टिंग करें?
बीज से उगाने पर पौधे को फल देने में 4-5 साल लग जाते हैं. जबकि ग्राफ्टिंग से पौधा सिर्फ 2-3 साल में फल देना शुरू कर देता है.
पानी और खाद का ध्यान रखें
पौधों को पानी ज्यादा न दें, लेकिन मिट्टी सूखी भी न रहने दें और जैविक खाद जैसे गोबर की खाद और वर्मीकम्पोस्ट डालें. साथ ही हर 3-4 महीने में NPK (10:10:10) उर्वरक का उपयोग करें. पौधों के बचाव के लिए चारों ओर घास या पुआल बिछाएं, इससे नमी बनी रहती है और खरपतवार नहीं होते.
फसल की सुरक्षा
सूखी और कमजोर टहनियों को समय-समय पर काटें, ताकि पेड़ स्वस्थ रहे. आम कीटों में एफिड्स, सिट्रस लीफ माइनर और मिलीबग्स लग सकते हैं, जिन्हें नीम तेल या जैविक कीटनाशकों से नियंत्रित किया जा सकता है.
कब करें कटाई?
फूल आने के 6-8 महीने बाद फल पूरी तरह तैयार हो जाता है. जब फल थोड़ा कठोर लगे, तो उसे सावधानी से तोड़ें, क्योंकि इसका छिलका नाजुक होता है.
भारत में फिंगर लाइम की कीमत
यह एक लक्जरी फल है, इसलिए इसकी कीमत ₹2,000-₹5,000 प्रति किलो तक होती है. बड़े होटल, रेस्तरां, बेकरी, कॉकटेल, समुद्री भोजन और कॉस्मेटिक कंपनियां इसकी खरीदारी करती हैं. अगर आप 1 एकड़ में इसकी खेती करते हैं, तो आसानी से ₹5-10 लाख तक कमा सकते हैं.