घरों और फसलों में चुपचाप तबाही मचाता है ये नन्हा कीट, रोचक फलने-फूलने की दास्तां
दीमक एक ऐसा कीट है, जो दिखने में तो छोटा होता है, लेकिन इसकी तबाही बड़ी होती है. इस खबर में हम जानेंगे दीमक घरों की वस्तुओं और फसलों के लिए कितना नुकसानदायक होता है.

दीमक एक ऐसा कीट है, जो दिखने में तो छोटा होता है, लेकिन इसकी तबाही बड़ी होती है. यह चुपचाप लकड़ी, फसलों की जड़ों और पत्तों के डंठल को खाकर उन्हें खोखला कर देता है. किसानों के लिए यह एक बड़ा खतरा है, क्योंकि दीमक जमीन के अंदर रहकर फसलों को नुकसान पहुंचाता है, जिसकी भनक तक नहीं लगती. घरों में यह दरवाजे, फर्नीचर और दीवारों को धीरे-धीरे चट कर जाता है. अब सवाल उठता है कि ये दीमक इतनी ताक़तवर कैसे हो जाती है? चलिए, इसकी जड़ में घुसते हैं और इसका पूरा जीवन चक्र समझते हैं.
दीमक का जीवन चक्र तीन चरणों में पूरा होता है
हर कहानी की एक शुरुआत होती है और दीमक की कहानी शुरू होती है रानी के दिए गए अंडे से. कॉलोनी की महारानी दीमक दिन-रात बस अंडे देती रहती है. एक दिन में हज़ारों अंडे! सोचिए, कैसी फ़ैक्ट्री है ये! इन अंडों में छिपा होता है आने वाली पीढ़ी का भविष्य – श्रमिक, सैनिक और प्रजनन करने वाले दीमक का बीज.
दीमक छोटे पर तबाही बड़ी
अंडे फूटते हैं और निकलते हैं शिशु जिन्हें “निम्फ” कहते हैं. ये निम्फ कोई सीधे घर तोड़ने नहीं जाते, पहले वे कॉलोनी में ही बड़े होते हैं. अब यहां पर दीमक की दुनिया में बँटवारा शुरू हो जाता है, कुछ निम्फ बड़े होकर श्रमिक बनते हैं, कुछ सैनिक और कुछ को भविष्य की रानी-राजा बनने का मौका मिलता है
वयस्क दीमक, कॉलोनी के तीसरे योद्धा
समय के साथ निम्फ कई बार मोल्ट करते हैं. यह मोल्टिंग प्रक्रिया में वे पुराने एक्सोस्केलेटन को उतार फेंकते हैं और बड़े होते जाते हैं. फिर वे तीन वर्गों में बंट जाते हैं. जो इस तरह से हैं-
श्रमिक (Worker)
कॉलोनी के सबसे मेहनती मजदूर. दिन-रात काम में जुटे रहते हैं . खाना ढूँढना, लकड़ी कुतरना, सुरंगें बनाना, अंडों की देखभाल करना और बाकी दीमकों को खाना खिलाना. ये कभी आराम नहीं करते.
सैनिक (Soldier)
सैनिक दीमक कॉलोनी की रक्षा करते हैं, शिकारियों से लड़ते हैं. जब दीमकों पर चींटियों का हमला होता है, तो सैनिक दीमक मोर्चा संभालते हैं.
प्रजननशील (Reproductive)
इन्हें आप “किंग” और “क्वीन” का भावी उत्तराधिकारी मान सकते हैं. इन्हें पंख मिले होते हैं. जब समय आता है, तो ये कॉलोनी छोड़कर उड़ान भरते हैं . जिसे झुंड (Swarm) कहा जाता है. फिर नए जोड़े मिलते हैं, नई कॉलोनी बनाते हैं और वही पुरानी कहानी फिर से शुरू हो जाती है.
दीमक के जीवन चक्र की रोचक बातें
अपूर्ण कायापलट यानी बिना किसी पुअर अवस्था के बदलाव. यहां दीमक का जीवनचक्र बाकियों से थोड़ा अलग है. ये तितलियों की तरह लार्वा-प्यूपा-वयस्क वाली फॉर्मलिटी नहीं करते. बस अंडे से निकले और सीधे निम्फ बनकर बड़े होते चले गए.
कॉलोनी का ढांचा और उम्र
दीमक समाज में डिसिप्लिन की गज़ब की मिसाल होती है. हर वर्ग को अपना काम पता होता है. श्रमिक दीमक कॉलोनी का पेट पालते हैं, सैनिक रक्षा करते हैं और रानी-राजा भविष्य की पीढ़ी तैयार करते हैं. अब ज़रा उम्र की बात करें तो रानी दीमक का रुतबा देखिए! ये 10 से 20 साल तक ज़िंदा रह सकती है. वहीं, बेचारे श्रमिक और सैनिक दीमक ज़्यादा से ज़्यादा 1-2 साल जीते हैं.
चुपचाप करता है तबाही
दीमक का मुख्य खाना है सेल्यूलोज़. यह वह तत्व है, जो लकड़ी, घास, पत्तियों, ह्यूमस और वनस्पति में पाया जाता है. यानी आपके लकड़ी के फर्नीचर, दरवाज़े, किताबें – सब इनके लिए पेट पूजा का सामान हैं. अब सबसे ज़रूरी बात दीमक कितना नुकसान करती है? यह मकान, फर्नीचर, फसलें, किताबें – सब चट कर जाती है. खास बात यह कि जब तक आप इसका असर देख पाते हैं, तब तक ये आधे से ज़्यादा नुकसान कर चुकी होती है. इसलिए इसका इलाज वक्त रहते कराना बहुत ज़रूरी है.