सिंचाई के लिए स्प्रिंकलर का सही इस्तेमाल कैसे करें किसान, जान लें तकनीक
भीषण गर्मी और घटते जलस्तर के चलते किसान अपनी फसलों में सही से सिंचाई भी नहीं कर पाते हैं. जिसके कारण उनक फसलें खराब हो जाती हैं, मुरझा जाती हैं

गर्मी का सीजन शुरू हो गया है. किसानों के सामने सबसे बड़ी चुनौती होती है अपनी फसलों को तेज धूप और गर्मी में मुरझाने से बचाने की. भीषण गर्मी और घटते जलस्तर के चलते किसान अपनी फसलों में सही से सिंचाई भी नहीं कर पाते हैं. इसके चलते उनकी फसलें खराब हो जाती हैं, मुरझा जाती हैं. लेकिन किसानों की इस समस्या का समाधान निकालने के लिए सरकार सिंचाई के अलग-अलग तरीकों के बारे में जानकारी देती रहती है. इसी में से एक तरीका है स्प्रिंकलर टेक्नोलॉजी से सिंचाई करने की.
लोकप्रिय हो रही स्प्रिंकलर तकनीक
स्प्रिंकलर सिंचाई एक ऐसी तकनीक है जिसमें पानी को खेतों में स्प्रिंकलर की मदद से हवा में छिड़का जाता है. इसे देख कर ऐसा लगता है मानो खेत में बारिश हो रही हो. खेतों में लगा फसलों तक सही तरह से पानी पहुंचाने का यब बहुत अच्छा तरीका है. सिंचाई के इस तरीके में पानी को पाइप की मदद से खेतों में पंप किया जाता है. इसके बाद स्प्रिंकलर के माध्यम से पानी को तेज प्रेशर के साथ हवा में फेंका जाता है. ऐसा करने से पानी बारिश की बूंदों की तरह जमीन पर गिरता है.
कैसे करें स्प्रिंकलर का सही उपयोग
खेतों में स्प्रिंलकर का इस्तेमाल करने से पहले जरूरी है कि किसान इसका सही उपयोग सीख लें. स्प्रिंकलर का इस्तेमाल सुबह या शाम के समय ही करना चाहिए ताकि तेज धूप में पानी भाप बन कर उड़ न जाएं. अपने खेत की मिट्टी की नमी और प्रकार की जांच के बाद ही स्प्रिंकलर की गति और अवधि तय करें. किसान चाहें तो ड्रिप और माइक्रो-स्प्रिंकलर का भी उपयोग कर सकते हैं. इसकी मदद से फसलों की जड़ों तक पानी पहुंचेगा जिसके कारण लंबे समय तक जड़ों में नमी बनी रहेगी.
क्या हैं स्प्रिंकलर तकनीक के फायदे
स्प्रिंकलर तकनीक के इस्तेमाल से सिंचाई करने से खेतों में पानी समान रूप से वितरित होता है. जिससे फसलों को पर्याप्त मात्रा में पानी मिलता है. इस तरह सिंचाई करने से भी पानी की भी बहुत बचत होती है.किसान स्प्रिंकलर की मदद से उर्वरकों को भी पानी में मिलाकर खेतों में डाल सकते हैं, जिससे फसलों को पर्याप्त पानी के साथ-साथ जरूरी पोषक तत्व भी मिलेंगे.