क्या है सॉइल हेल्थ कार्ड.. किसानों को कैसे होता है फायदा, जानिए सबकुछ

सॉइल हेल्थ कार्ड आपको आपकी मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों की जानकारी देता है जैसे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम जिन्हें NPK भी कहा जाता है.

क्या है सॉइल हेल्थ कार्ड.. किसानों को कैसे होता है फायदा, जानिए सबकुछ
नोएडा | Updated On: 16 Apr, 2025 | 11:07 PM

फसलों का बेहतर उत्पादन करने के लिए जरूरी है कि किसान अपने खेत की मिट्टी की अच्छे से जांच कर लें. मिट्टी में मौजूद पोषक तत्व किसी भी फसल के उत्पादन में अहम भूमिका निभाते हैं. तो क्या आप जानते हैं कि आपकी खेत की मिट्टी का भी स्वास्थ्य कार्ड बनता है. जो आपको बताता है कि आपकी जमीन में कौन-कौन से पोषक तत्व हैं जो आपकी फसल के लिए बेहतर हैं. चो चलिए जान लेते हैं क्या है सॉइल हेल्थ कार्ड?

क्या है सॉइल हेल्थ कार्ड

दरअसल, सॉइल हेल्थ कार्ड आपके खेत की मिट्टी की स्वास्थ्य कार्ड होता है. एक तरह से आप कह सकते हैं कि यह कार्ड आपको मिट्टी का स्वास्थ्य पहचान पत्र है. सॉइल कार्ड आपको आपकी मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों की जानकारी देता है जैसे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम जिन्हें NPK भी कहा जाता है. इसके साथ ही सॉइल कार्ड की मदद से मिट्टी का pH और उर्वरक क्षमता के बारे में भी पता चलता है. इस कार्ड की मदद से किसान अपनी फसल के अनुसार उर्वरकों की सही मात्रा भी तय कर सकते हैं.

सॉइल हेल्थ कार्ड क्यों है जरूरी

सॉइल कार्ड किसानों के लिए एक ऐसा उपयोगी हथियार है, जिसकी मदद से किसान अपनी फसलों पर खाद का संतुलित इस्तेमाल कर सकते हैं. इसकी मदद से किसानों की फसलों के उत्पादन में भी बढोतरी होती है. इस कार्ड से मिलने वाली जानकारी से किसानों को खेती करने में आने वाली लागत में भी कमी आती है. इसके साथ ही खेत की मिट्टी में सुधार भी होता है.

ऐसे बनवाएं सॉइल हेल्थ कार्ड

ये दस्तावेज हैं जरूरी

सॉयल कार्ड बनाने के लिए कुछ जरूरी दस्तावेजों की जरूरत होती है जैसे- आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी आदि.सॉयल कार्ड बनवाने के लिए किसान कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.किसान चाहें तो अपने जिले के नजदीकी कृषि केंद्र से भी संपर्क कर सकते हैं. बता दें कि सॉयल कार्ड हर तीन साल में एक बार बनवाया जाता है.

Published: 17 Apr, 2025 | 08:30 AM

Topics: