मनरेगा में गड़बड़ी पर सख्त कार्रवाई करेगी सरकार-शिवराज सिंह चौहान
मनरेगा भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक प्रमुख रोजगार योजना है. इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को 100 दिन की गारंटीड रोजगार उपलब्ध कराना है.

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को लेकर कड़ा रुख अपनाने की बात कही है. उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि मनरेगा के दिशा-निर्देशों का पालन सही तरीके से नहीं किया गया, सरकारी राशि का दुरुपयोग हुआ या नियमों का उल्लंघन पाया गया, तो सरकार तुरंत जांच के लिए टीम भेजेगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करेगी.
पारदर्शिता जरूरी
मनरेगा का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजित करना और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सहारा देना है. यह योजना गरीबों के हित के लिए बनाई गई है, इसलिए शिवराज सिंह चौहान इसमें किसी भी तरह की लापरवाही या भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करना चाहते.
जनता से कर चुके हैं अपील
शिवराज सिंह चौहान पहले से ही आम जनता से अपील करते आए हैं कि यदि उन्हें मनरेगा से जुड़ी किसी भी अनियमितता की जानकारी मिले तो वे तुरंत प्रशासन को सूचित करें. सरकार हर व्यक्ति तक योजना का लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए पारदर्शिता व ईमानदारी बेहद जरूरी है. यदि किसी अधिकारी या ठेकेदार द्वारा मनरेगा के तहत फर्जीवाड़ा किया जाता है, तो उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे.
क्या है मनरेगा?
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक प्रमुख रोजगार योजना है. इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को 100 दिन की गारंटीड रोजगार उपलब्ध कराना है ताकि वे अपनी आजीविका चला सकें और गरीबी कम हो सके.
मनरेगा का बजट?
साल 2024 में केंद्रीय वित्त मंत्री ने इस योजना के लिए बजट को 60 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 86 हजार करोड़ रुपये किया था. साल 2023 में मनरेगा के लिए 60 हजार करोड़ रुपये का बजट तय किया गया था, जो 2022 में मिले 73 हजार करोड़ रुपये की तुलना में 18% कम था. ग्रामीण मजदूरों को राहत देने के लिए फिर से बजट को बढ़ा दिया गया.