खनौरी और शंभू बॉर्डर पर बुलडोजर से ढहाए गए टेंट, 13 महीने बाद हुआ खाली
पंजाब पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर प्रोटेस्ट वाली जगह को खाली करा दिया. यहां पर बुलडोजर की मदद से टेंट ढहा दिए गए हैं. साथ ही बैरिकेड्स, गाड़ियों और अस्थायी ढांचों को भी हटा दिया गया है.

पंजाब और हरियाणा के बीच स्थित शंभू और खनौरी बॉर्डर 13 महीने के बाद खाली करा लिए गए हैं. बुधवार को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को हिरासत में लेने के बाद पंजाब पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर प्रोटेस्ट वाली जगह को खाली करा दिया. यहां पर बुलडोजर की मदद से टेंट ढहा दिए गए हैं. साथ ही बैरिकेड्स, गाड़ियों और अस्थायी ढांचों को भी हटा दिया गया है. पिछले एक साल से ज्यादा समय से किसान विरोध प्रदर्शन की वजह से हाइवे ब्लॉक थे.
कुछ किसान भेजे गए घर
पंजाब-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर पुलिस की कार्रवाई पर पटियाला के SSP नानक सिंह ने बयान दिया है. उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, ‘किसान लंबे समय से शंभू बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. आज ड्यूटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पुलिस ने उन्हें उचित चेतावनी देने के बाद इलाके को खाली करा दिया. कुछ लोगों ने घर जाने की इच्छा जताई. इसलिए उन्हें बस में बैठाकर घर भेज दिया गया. इसके अलावा, यहां के ढांचे और वाहनों को हटाया जा रहा है. पूरी सड़क को साफ कर यातायात के लिए खोल दिया जाएगा.
किसानों ने किया सहयोग!
उन्होंने बताया कि हरियाणा पुलिस भी अपनी कार्रवाई शुरू करेगी. जैसे ही उनकी तरफ से रास्ता खुलेगा हाईवे पर आवाजाही फिर से शुरू हो जाएगी. एसएसपी नानक सिंह के अनुसार उन्हें किसी भी तरह का बल प्रयोग करने की जरूरत नहीं पड़ी क्योंकि कोई विरोध नहीं हुआ. किसानों ने अच्छा सहयोग किया और वे खुद ही बसों में बैठ गए. किसान पिछले साल फरवरी के महीने से ही यहां पर प्रदर्शन कर रहे थे.
इससे पहले किसान नेता गुरमनीत सिंह मंगत ने मीडिया को बताया कि सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल समेत कई किसान नेताओं को मोहाली में हिरासत में ले लिया गया है. उनकी मानें तो जिस समय ये किसान नेता केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करने के बाद शंभू विरोध स्थल जा रहे थे, उसी समय उन्हें हिरासत में लिया गया.
क्या बोले पंजाब के मंत्री
वहीं पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने किसानों को प्रदर्शन स्थलों से हटाए जाने का बचाव किया है. उन्होंने कहा कि दोनों हाइवे लंबे समय से बंद पड़े थे. इससे उद्योगों और व्यवसायों पर बुरा असर पड़ा है. उन्होंने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए ये हाइवे महत्वपूर्ण हैं और एक साल से ज्यादा समय से ब्लॉक हैं, जिससे व्यापार और रोजगार प्रभावित हो रहे हैं.