शंभू-खनौरी बॉर्डर पर पंजाब पुलिस ने चोरी किया सामान: किसानों का बड़ा आरोप
एसकेएम ने दावा किया है कि शंभू और खनौरी बॉर्डर पर ट्रैक्टर, ट्रालियों के साथ करोड़ों का समान पंजाब पुलिस की निगरानी में लोकल खनन माफिया के साथ मिल कर चोरी करवाया गया है.

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम गैर राजनीतिक) ने पिछले दिनों प्रदर्शनकारी किसानों पर की गई पंजाब पुलिस की कार्रवाई पर निशाना साधा है. एसकेएम की राष्ट्रीय समन्वय समिति ने पूरे भारत के किसानों से 28 मार्च को देश भर में प्रदर्शन करने की अपील की है. संगठनों ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों का सामान खोने के साथ ही पुलिस पर उसे चोरी करने तक का आरोप लगाया है. आपको बता दें कि 19 मार्च को प्रदर्शनकारी किसान नेताओं ने कृषि मंत्री की अगुवाई वाले एक केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी. जब ये किसान नेता शंभू और खनौरी बॉर्डर की तरफ लौट रहे थे तो पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया था.
साजिश से चोरी किया करोड़ों का सामान !
एसकेएम की तरफ से एक बयान जारी कर कहा गया है कि पंजाब पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर सन् 1947 और 1984 जैसे हालात बना दिए हैं. संगठन ने कहा, ’19 मार्च को केंद्र के साथ मुलाकात करके आ रहे किसान नेताओं की गिरफ्तारी के बाद शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 1947 और 1984 जेसे हालात बना दिये. सैकड़ों की संख्या में किसानों को गिरफ्तार किया गया और महिला किसानों के साथ बुजुर्ग किसानों पर भी लाठीचार्ज किया गया. 20 मार्च को किसान मजदूर मोर्चा के सीनियर किसान नेता बलवंत सिंह बहरामके जी को बुरी तरह से पीटा गया और उन पर लाठीचार्ज किया गया.’ संगठन ने दावा किया है कि शंभू और खनौरी बॉर्डर पर ट्रैक्टर, ट्रालियों के साथ करोड़ों का समान पुलिस की निगरानी में लोकल खनन माफिया के साथ मिल कर चोरी करवाया गया है. इसमें लोकल विधायक भी शामिल हैं.
28 मार्च को होगा बड़ा प्रदर्शन
एसकेएम के अनुसार जगजीत सिंह दल्लेवाल को गिरफ्तार करके पुलिस उनकी लोकेशन लगातर बदल रही है. अभी तक किसी से उनकी मुलाकात तक नहीं करवाई गई है और ना ही उनके बारे में कोई जानकारी जारी की गई है. किसान मजदूर मोर्चा और एसकेएम की तरफ से इन मुद्दों को आधार बनाकर प्रदर्शन का ऐलान किया गया है. संगठन ने कहा है कि 28 मार्च को एसकेएम भारत की तरफ से डीसी ऑफिसेज के सामने जो प्रदर्शन होगा, वो उसका समर्थन करते हैं. साथ ही 31 मार्च को आम आदमी पार्टी के मंत्रियों के घरों के समाने धरना प्रदर्शन किया जायेगा. एक दिन के इस प्रदर्शन में अगर उनकी मांग नहीं मानी गईं तो फिर इसे धरने में बदल दिया जायेगा.
‘जेल से रिहा हों किसान नेता’
संगठन की मांग है कि जेल में बंद सभी किसानों को बिना शर्त रिहा किया जाये. साथ ही विधायक गुरलाल घन्नौर की विधानसभा सदस्यता रद की जाए. इसके अलावा किसानों का जो सामान गुम और चोरी हुआ है, उसे बरामद किया जाये. साथ ही सारे नुकसान की भरपाई की जाये. किसान मजदूर मोर्चा और एसकेएम ने कहा है कि केंद्र के खिलाफ 12 मांगों पर उनका आंदोलन पूरे जोर-शोर से जारी है.