अधिक गर्मी झेलने में सक्षम है नई सरसों किस्म, बढ़ाएगी किसानों की आमदनी

अकसर सरसों की फसल अधिक गर्मी को बर्दाश्त नहीं कर पाती है और उपज घट जाती है. ऐसे में किसानों के नुकसान को बचाने के लिए आईसीएआर ने गर्म जलवायु अनुकूल सरसों किस्म विकसित की है.

अधिक गर्मी झेलने में सक्षम है नई सरसों किस्म, बढ़ाएगी किसानों की आमदनी
नोएडा | Updated On: 13 Apr, 2025 | 08:05 PM

किसान दिन-रात मेहनत करते हैं ताकि खेतों में अच्छी गुणवत्ता वाली फसल उगा सकें, लेकिन कई बार मौसम की मार से सारी मेहनत पर पानी फिर जाता है. ऐसे में अगर कोई ऐसी फसल मिल जाए जो ना सिर्फ ज्यादा उपज दे, बल्कि बदलते मौसम को भी झेल जाए, तो किसान कम मेहनत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. किसानों के इस समस्या का समाधान भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा (नई दिल्ली) के वैज्ञानिक ने सरसों की एक खास किस्म पूसा विजय (NPJ-93) विकसित करके किया है. यह किस्म न सिर्फ ज्यादा उत्पादन देती है, बल्कि मौसम की चुनौतियों को भी आसानी से सहन कर लेती है.

अधिक गर्मी झेल सकती है पूसा विजय

सरसों की पूसा विजय किस्म उच्च उपज देने वाली है, जिसे खासतौर पर समय पर बुवाई और सिंचित भूमि के लिए विकसित किया गया है. यह है कि यह बीज अंकुरण के शुरुआती चरण में अधिक तापमान को सहन कर सकती है, यानी अगर बुवाई के दौरान मौसम अचानक गर्म हो जाए तो भी बीज खराब नहीं होंगे. इसके साथ ही यह किस्म 12dS/m तक की खारी मिट्टी में भी अच्छी तरह पनप सकती है, जो कई क्षेत्रों के किसानों के लिए बड़ी राहत की बात है.

तेल की मात्रा और उपज में आगे

सरसों की पूसा विजय किस्म की औसत उपज 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक मानी गई है, जो इसे बाकी किस्मों से आगे ले जाती है. खास बात यह है कि इसके बीजों में औसतन 38.51 प्रतिशत तेल पाया जाता है, जो किसानों को बेहतर मुनाफा दिलाने में मदद करता है. इसके बीज आकार में बड़े और मोटे होते हैं, जिससे तेल निकालने में ज्यादा फायदा होता है और बाजार में इसके अच्छे दाम भी मिलते हैं. सरसों की यह किस्म करीब 145 दिनों में पककर तैयार हो जाती है, यानी लगभग साढ़े चार महीने में किसान अपनी उपज का लाभ उठा सकते है. इस किस्म की अच्छी ग्रोथ सिंचित क्षेत्र यानी जहां पानी की उपलब्धता पर्याप्त हो.

किसानों के लिए क्यों फायदेमंद?

आज के समय में जब मौसम लगातार बदल रहा है और मिट्टी की गुणवत्ता भी कई जगह कम हो रही है, ऐसे में इन किस्मों की जरूरत है जो इन समस्याओं का समाधान बन सकें. पूसा विजय एक ऐसी ही किस्म है जो न सिर्फ गर्मी और खारेपन को सहन करती है, बल्कि किसानों को बेहतर पैदावार और अधिक तेल की मात्रा भी देती है. मैदानी और गर्म इलाकों के किसान सरसों की पूसा विजय किस्म की बुवाई कर सकते हैं.

Published: 14 Apr, 2025 | 10:05 AM

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