डॉ. एम.एल. जाट को मिली बड़ी जिम्मेदारी, ICAR के नए DG और डेयर सचिव बने
डॉ. जाट का सफर खेतों से शुरू होकर आज दुनिया की सबसे बड़ी कृषि संस्थाओं तक पहुंच चुका है. उन्होंने खेती में नई सोच और टिकाऊ तकनीकें जोड़कर किसानों की जिंदगी बदलने का काम किया है.

राजस्थान के एक छोटे से गांव से निकलने वाले डॉ. एम.एल. जाट ने खेती को सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि विज्ञान की नजर से देखा. आज वही डॉ. जाट भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के नए महानिदेशक और कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (DARE) के सचिव बनाए गए हैं. डॉ. जाट की यह नियुक्ति उनके कार्यभार ग्रहण करने की तारीख से लेकर 60 वर्ष की आयु पूरी होने तक प्रभावी रहेगी.
जमीन से जुड़ा हुआ है सफर
डॉ. जाट एक प्रसिद्ध सिस्टम एग्रोनोमिस्ट (खेती की प्रणाली के वैज्ञानिक) हैं. उनके पास 25 साल से भी ज्यादा का अनुभव है, और वो अब तक दुनिया के कई विकासशील देशों में किसानों के लिए काम कर चुके हैं. उनका सफर खेतों से शुरू होकर आज दुनिया की सबसे बड़ी कृषि संस्थाओं तक पहुंच चुका है. उन्होंने खेती में नई सोच और टिकाऊ तकनीकें जोड़कर किसानों की जिंदगी बदलने का काम किया है.
ICRISAT में निभाई अहम भूमिका
डॉ. एम.एल. जाट ने हैदराबाद के ICRISAT (अंतरराष्ट्रीय अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय फसल अनुसंधान संस्थान) में एक बड़ी जिम्मेदारी निभाई है. इस दौरान उन्होंने वहां Resilient Farm and Food Systems यानी RF&FS नाम के एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम को लीड किया. इस कार्यक्रम का मकसद था किसानों को बदलते मौसम यानी जलवायु परिवर्तन से बचाना, मिट्टी और पानी की सेहत को सुधारना और खेती में नई-नई तकनीकों को अपनाना.
डॉ. जाट की अगुवाई में इस प्रोग्राम के ज़रिए देश-विदेश में किसानों को वैज्ञानिक मदद दी गई, ताकि खेती को टिकाऊ, फायदेमंद और पर्यावरण के अनुकूल बनाया जा सके.
प्रोग्राम के 5 मुख्य हिस्से
- जलवायु बदलाव के हिसाब से खेती को ढालना (Climate Adaptation and Mitigation Science)
- सैटेलाइट और बड़े डेटा की मदद से खेती की समझ बढ़ाना (Geo-spatial and Big Data Sciences)
- खेती में मोबाइल, एप्स और मशीनों का उपयोग बढ़ाना (Digital Agriculture)
- मिट्टी की उर्वरता और पानी के प्रबंधन पर ध्यान देना (Soil Health and Water Science)
- खेती के पूरे क्षेत्र को एक सिस्टम के तौर पर विकसित करना (Landscapes and ICRISAT Development Center)
वैश्विक संगठनों में निभाई अहम भूमिका
डॉ. जाट ने CGIAR में 13 साल तक काम किया, जिसमें 12 साल CIMMYT (मक्का और गेहूं अनुसंधान केंद्र) और 1 साल IRRI (अंतरराष्ट्रीय धान अनुसंधान संस्थान) में बिताए. इसके अलावा उन्होंने FAO (संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन), ISPA (प्रिसिजन एग्रीकल्चर सोसाइटी) जैसी संस्थाओं में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई.
सम्मान और पहचान
उनकी मेहनत और नवाचार के लिए उन्हें कई पुरस्कार मिले, जिनमें सबसे प्रमुख है ICAR का रफी अहमद किदवई पुरस्कार, जो कृषि के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए दिया जाता है. वे नेशनल एकेडमी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज (NAAS) के फेलो भी हैं.
कृषि में इन क्षेत्रों के एक्सपर्ट
- खेती की वैज्ञानिक प्रणाली
- जलवायु-स्मार्ट खेती
- पुनरुत्पादक कृषि (Regenerative Agriculture)
- सटीक खेती (Precision Farming)
- छोटे और मझोले किसानों के लिए मशीनरी और उपकरण
- खेती के मॉडल और डिजाइन