मध्य प्रदेश सरकार ने किए 19 समझौते, किसानों की आमदनी बढ़ाने की बड़ी पहल

सरकार की इस पहल से मध्य प्रदेश के किसानों को आधुनिक तकनीक, नए बाजार और बड़ी कंपनियों से सीधा जुड़ने का मौका मिलेगा.

मध्य प्रदेश सरकार ने किए 19 समझौते, किसानों की आमदनी बढ़ाने की बड़ी पहल
Published: 28 Feb, 2025 | 10:27 AM

मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों की कमाई बढ़ाने और निजी कंपनियों को कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 19 बड़े समझौते (MoUs) किए हैं. ये समझौते मध्य प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (MP GIS) 2025 के दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव की उपस्थिति में हुए. सरकार का कहना है कि इस पहल से किसानों को सीधा फायदा मिलेगा और राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.

किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस मौके पर कहा कि सरकार लगातार सहकारी आंदोलन को बढ़ावा दे रही है. उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि निवेशकों को हरसंभव सहयोग दिया जाएगा, ताकि वे राज्य में कृषि और अन्य क्षेत्रों में निवेश कर सकें.

C-PPP मॉडल से किसानों और उद्योगों को फायदा

राज्य के सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने बताया कि सरकार सहकारी-पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (C-PPP) मॉडल को बड़े स्तर पर लागू कर रही है. इस मॉडल से किसानों और निजी कंपनियों दोनों को फायदा मिलेगा.

उन्होंने बताया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज, बैद्यनाथ जैसी बड़ी कंपनियों के साथ समझौते हुए हैं. इससे किसानों को न सिर्फ बेहतर बाजार मिलेगा, बल्कि उनकी उपज का सही मूल्य भी मिलेगा. सरकार ने इन समझौतों को ज़मीनी स्तर पर लागू करने के लिए एक खास इन्वेस्टमेंट विंग बनाने का फैसला किया है.

सहकारी समितियां निभाएंगी अहम भूमिका

सहकारिता विभाग के अपर मुख्य सचिव अशोक बर्णवाल ने बताया कि राज्य में 1.09 लाख सहकारी समितियां और 4,536 प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां (PACS) काम कर रही हैं. ये समितियां किसानों की उपज को एकत्रित कर निजी कंपनियों तक पहुंचाने में मदद करेंगी.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस पहल को सफल बनाने के लिए बेहतर नीतियां और समर्थन देगी. इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी, कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा और सहकारी समितियां मजबूत होंगी.

किसानों के लिए नए अवसर

सरकार की इस पहल से मध्य प्रदेश के किसानों को आधुनिक तकनीक, नए बाजार और बड़ी कंपनियों से सीधा जुड़ने का मौका मिलेगा. इससे फसल का सही दाम मिलेगा और किसानों की मेहनत का पूरा लाभ उन्हें मिल सकेगा.

यह पहल कृषि को और अधिक समृद्ध और टिकाऊ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है.

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