कहीं आप भी तो नहीं खा रहे लीची में छिपे कीड़े? जानिए कैसे पहचानें लीची का कीड़ा
कई बार लीची के फल में एक छोटा सा छेद नजर आता है, जिससे झाग जैसा सफेद या दूधिया तरल बहता है. यह तब होता है जब लार्वा तेजी से फल को खा रहा होता है.

भारत में लीची एक प्रमुख और स्वादिष्ट मौसमी फल है, जिसकी खेती खासकर बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर होती है. लेकिन इस मीठे फल के भीतर एक खतरनाक दुश्मन छिपा होता है, जिसे लीची कीट लार्वा (Litchi Moth Larva) कहा जाता है. यह कीट फल के भीतर छिपकर रहता है. आमतौर पर ताजी दिखने वाली लीची को लोग छिलका निकालकर तुरंत खा लेते हैं, लेकिन शायद उन्हें पता नहीं होता कि लीची के साथ उन्होंने उसमें मौजूद कीड़ा भी खा लिया है.
अगर आप भी लीची खाने के शौकीन हैं, तो यह जानना बेहद जरूरी है कि लीची के फल में कीट लार्वा है या नहीं. तो आइए जानते हैं ऐसे 3 आसान टिप्स, जिनसे आप पहचान सकते हैं कि लीची में कीट छिपा है या नहीं.
1. लीची की सतह पर भूरे रंग की दानेदार गंदगी
अगर लीची के फल की सतह पर भूरे रंग की, बारीक दानों जैसी कोई गंदगी दिखाई दे रही है, तो यह संकेत हो सकता है कि लीची में कीट लार्वा अंदर ही सक्रिय है. यह कीट जब फल के भीतर खाता है, तो बाहर मल (excreta) छोड़ता है. इससे साफ पता चलता है कि अंदर कीड़े की गतिविधि हो रही है.
2. छोटे छेद से झाग जैसा द्रव
कई बार लीची के फल में एक छोटा सा छेद नजर आता है, जिससे झाग जैसा सफेद या दूधिया तरल बहता है. यह तब होता है जब लार्वा तेजी से फल को खा रहा होता है. यह झाग द्रव लीची के खराब होने की शुरुआत का संकेत है और लार्वा द्वारा छोड़े गए बैक्टीरिया और यीस्ट (yeast) के कारण होता है.
3. फल के गूदे का खमीर उठना
यदि लीची का फल बिना खोले ही कुछ दिनों में सड़ने लगे या उसमें से शराब जैसी बदबू आने लगे, तो समझिए कि लार्वा की उपस्थिति के कारण गूदा अब सड़ने (fermentation) की स्थिति में पहुंच चुका है. लीची कीट जब फल के अंदर घुसता है, तो उसके मुंह से बैक्टीरिया और यीस्ट प्रवेश करते हैं, जिससे गूदे में खमीर उठने लगता है.
अगर आपको कोई ऐसी लीची दिखाई देती है, जिसमें ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी मौजूद हो, तो ऐसे फल को हरगिज न खाएं. इससे आप बीमार पड़ सकते हैं. हमेशा लीची को अच्छे से जांचकर ही खाएं.