गन्ना की पिछैती किस्मों की बुवाई का अभी भी समय, ज्यादा उपज के लिए ऐसे तैयार करें खेत

गन्ने की खेती के लिए अभी भी समय है, खासकर पिछैती किस्मों की बुवाई के लिए. इसके लिए गहरी जुताई, हरी खाद और 60 सेमी दूरी वाली पंक्तियों में बुवाई से अधिक उपज संभव है.

गन्ना की पिछैती किस्मों की बुवाई का अभी भी समय, ज्यादा उपज के लिए ऐसे तैयार करें खेत
नोएडा | Updated On: 24 Apr, 2025 | 07:38 PM

भारत में गन्ने की खेती किसानों के लिए आर्थिक समृद्धि का प्रमुख स्रोत है और खासकर पिछैती किस्मों की बुवाई उन किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है, जो समय पर बुवाई नहीं कर पाए. सही खेत तैयारी, उपयुक्त किस्मों का चयन और वैज्ञानिक बुवाई विधि अपनाकर अधिक उपज प्राप्त की जा सकती है. आइए जानें, गन्ने की पिछैती किस्मों की बुवाई का सही समय और खेत तैयार करने की विधि.

ज्यादा उपज के लिए ऐसे करें खेत तैयार

उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि विभाग के अनुसार देरी सो बोई जाने वाली गन्ना की किस्मों की बुवाई की सलाह दी है. पिछैती किस्में कम समय में अच्छी उपज दे सकती हैं. इसके लिए खेत की तैयारी अच्छे से करना जरूरी है. दोमट भूमि, जिसमें गन्ना उगाया जाता है. इसके लिए 12 से 15 फीसदी मिट्टी में नमी जमाव के लिए उपयुक्त है. यदि नमी कम हो तो बुवाई से पहले पलेवा करें. इसके बाद मिट्टी पलटने वाले हल से एक गहरी जुताई और 2-3 उथली जुताइयों के बाद पाटा लगाएं. हरी खाद का उपयोग करने पर इसे सड़ने के लिए एक से देढ़ महिने का समय दें. खेत तैयार करने के लिए पलेवा के बाद 3 से 4 जुताई करें.

ये पिछैती किस्में चुनें किसान

कृषि एक्सपर्ट ने किसानों को पिछैती किस्मों के चुनाव के लिए सावधानी बरतने की सलाह देते हुए कुछ किस्मों की लिस्ट जारी की है. किसानों को गन्ना की पिछैती किस्म कोसा 15023, कोसा 13235, कोलख 1602 और कोसा 10231 प्रमुख हैं, जो जल्दी पकने और अधिक उपज देने में सक्षम हैं. इनके लिए खेत की सही तैयारी और बुवाई विधि अपनाना जरूरी है. इसके साथ ही कोशा 767, 88216, 88230, 95255, 94257 और कोशा 94270 का चुनाव कर सकते हैं. इसमें गन्ने का ऊपरी भाग बोएं और बीज को 4-6 घंटे पानी में भिगोकर पारायुक्त रसायन से उपचारित करें.

बुवाई के समय 60 सेमी की दूरी रखें

बुवाई के लिए पंक्तियों के बीच 60 सेमी की दूरी रखें. बुवाई के समय मिट्टी में पर्याप्त नमी हो. इसकसे अलावा नाइट्रोजन की आधी मात्रा बुवाई के समय और शेष आधी जमाव के बाद सिंचाई के 2-3 दिन बाद दें. सिंचाई हल्की और बार-बार 10-15 दिन के अंतराल पर करें. ध्यान देने की बात ये है कि इसकी सुरक्षा, गुड़ाई और बंधाई समय पर करें.

Published: 24 Apr, 2025 | 07:38 PM

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