वर्मी कम्पोस्टिंग के लिए चुनें सही केंचुए, इस विधि से तैयार करें उत्तम खाद

इससे न केवल मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार आता है, बल्कि पौधों की वृद्धि के लिए भी अधिक लाभकारी है.

वर्मी कम्पोस्टिंग के लिए चुनें सही केंचुए, इस विधि से तैयार करें उत्तम खाद
Updated On: 18 Feb, 2025 | 10:33 AM

वर्तमान समय में रासायनिक उर्वरकों (Fertilizers) की वजह से भूमि और पर्यावरण पर नकारात्मक असर पड़ रहा है. ऐसे में सरकार अब किसानों को जैविक खेती की ओर बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चला रही है. वर्मी कम्पोस्ट जिसे केंचुए खाद भी कहा जाता है, एक प्राकृतिक खाद है. यह खाद केंचुए की सहायता से तैयार की जाती है. इससे न केवल मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार आता है, बल्कि पौधों की वृद्धि के लिए भी अधिक लाभकारी है.

वर्मी कम्पोस्ट क्या है?
वर्मी कम्पोस्ट एक प्रकार की जैविक खाद है, जो केंचुए द्वारा पौधों के कचरा, पत्तियां, सब्जियों के छिलके और अन्य जैविक सामग्री को टुकड़ों में तोड़कर तैयार की जाती है. इस प्रक्रिया में केंचुए जैविक पदार्थों को खाते हैं और उसके बाद जो मल निकालते हैं, वही वर्मी कम्पोस्ट कहलाता है. यह खाद पौधों के लिए अत्यधिक पौष्टिक होती है और मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाती है.

वर्मी कम्पोस्ट बनाने की प्रक्रिया:

सामग्री का चयन
वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए हरे और सूखे जैविक पदार्थ जैसे कि सब्जियों के छिलके, फलों के अवशेष, सूखी पत्तियां, घास-कतरन, गोबर आदि का उपयोग किया जाता है. इसमें रासायनिक या हानिकारक पदार्थों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

केंचुए का चयन
वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए केंचुए की सही किस्म का उपयोग किया जाता है, जो तेजी से जैविक पदार्थों को खाकर खाद बनाते हैं.

करें गड्ढा तैयार
वर्मी कम्पोस्टिंग के लिए लकड़ी, प्लास्टिक या मिट्टी के बने कंटेनर या जमीन में गड्ढा खोदा जा सकता है. गड्ढे के तल में छोटे छेद बना दें ताकि अतिरिक्त पानी निकल सके और हवा का संचार होता रहे.

परतें बिछाना
सबसे पहले गड्ढे में सूखी घास, पत्तियां या कागज की एक परत बिछाएं. इसके ऊपर जैविक कचरा डालकर केंचुओं को छोड़ दें. नमी बनाए रखने के लिए समय-समय पर पानी का छिड़काव करें, परंतु पानी अधिक नहीं होना चाहिए.

तापमान
केंचुओं के लिए 15-25°C का तापमान अच्छा होता है और उन्हें 40-60% की नमी की आवश्यकता होती है. समय-समय पर सामग्री को उलटते-पलटते रहना चाहिए ताकि ऑक्सीजन की आपूर्ति बनी रहे.

कब तैयार होगी खाद
लगभग 2-3 महीनों में वर्मी कम्पोस्ट तैयार हो जाता है. यह गहरे भूरे रंग का, मिट्टी जैसी खुशबू वाला और भुरभुरा होता है.

वर्मी कम्पोस्ट के लिए केंचुए की किस्म:
वर्मी कम्पोस्टिंग के लिए कुछ विशेष प्रकार के केंचुए सबसे अधिक प्रयोग किए जाते हैं:

अफ्रीकी केंचुआ (Eudrilus eugeniae)
इस केंचुए को नाइटक्रॉलर (Nightcrawler) भी कहा जाता है. यह केंचुआ तेजी से बढ़ता है और उच्च तापमान में भी जीवित रह सकता है, इसलिए गर्म जलवायु वाले क्षेत्रों में यह उपयुक्त है. इसकी खाद में पोषक तत्वों की मात्रा अधिक होती है, जो पौधों की वृद्धि के लिए लाभकारी है.

लाल केंचुआ (Eisenia foetida)
इसे रेड विगलर (Red Wiggler) भी कहा जाता है. यह सबसे अधिक प्रयोग होने वाला केंचुआ है, क्योंकि यह तेजी से जैविक सामग्री को टुकड़ों में तोड़कर खाद बनाता है. यह ठंडे और गर्म दोनों प्रकार के मौसम में जीवित रह सकता है.

कम्पोस्टिंग केंचुआ (Perionyx excavatus)
इसे ब्लू वर्म (Blue Worm) के नाम से भी जाना जाता है. यह केंचुआ विशेष रूप से एशियाई देशों में लोकप्रिय है और यह नम और गर्म वातावरण में सबसे अच्छा प्रदर्शन करता है.

Published: 17 Feb, 2025 | 10:30 AM

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