गर्मी में खेत की गहरी जुताई क्यों है जरूरी? जानिए इसके गजब फायदे

गर्मी में जुताई करने से बरसात का पानी बहेगा नहीं, बल्कि खेत उसे सोख लेगा. इसका नतीजा ये होता है कि मिट्टी की नमी बढ़ती है और खरीफ की फसल को इसका सीधा फायदा मिलता है.

गर्मी में खेत की गहरी जुताई क्यों है जरूरी? जानिए इसके गजब फायदे
नई दिल्ली | Updated On: 15 Apr, 2025 | 03:41 PM

क्या आप जानते हैं कि यही वह समय होता है जब आपकी अगली फसल की बुनियाद रखी जा सकती है? जी हां, बात हो रही है गर्मी में खेत की गहरी जुताई की. यह एक ऐसा कदम है, जो आपके खेत की सेहत से लेकर अगली फसल की पैदावार तक में बड़ा असर डाल सकता है. तो आइए जानते हैं क्यों गर्मियों में जरूरी होती है खेत ही जुताई.

जमीन की होती है सफाई

गर्मी में खेत की गहरी जुताई करने से जमीन को सफाई और तंदुरुस्ती दोनों मिलती हैं. जैसे घर की सफाई से घर साफ और ताजा हो जाता है, वैसे ही गहरी जुताई से मिट्टी की सांसें खुलती हैं, उसमें जमा कीटनाशक और पुरानी फसलों की गंदगी दूर होती है.

कीट-पतंगों का काम तमाम

रबी और जायद की फसलों के कटने के बाद, बहुत सारे हानिकारक कीड़े अपने अंडे मिट्टी में छोड़ जाते हैं. ये छोटे-छोटे अंडे और लार्वा गर्मी में जमीन की दरारों में छिपे रहते हैं. लेकिन जमीन की गहरी जुताई की जाती है, तो वह ऊपर आ जाते हैं और सूरज की तीखी धूप में मर जाते हैं. इससे अगली फसल पर कीटों को हमला नहीं होता.

खरपतवार से मिलेगी राहत

खरपतवार यानी बेवजह उगने वाली घासें, जो फसल का पोषण तत्वों को सोख लेती हैं. गर्मी की जुताई से इनके बीज धूप में झुलस जाते हैं या इतनी गहराई में चले जाते हैं कि फिर अंकुरित नहीं हो पाते. साथ ही आपकी अगली फसल बिना खरपतवार के साफ-सुथरे खेत में उगती है.

रसायनों की सफाई

रबी और खरीफ फसलों में कई बार कीटनाशक या खरपतवारनाशक डाले जाते हैं. ये रसायन जमीन में रह जाते हैं और धीरे-धीरे खेत की उपजाऊ ताकत को खत्म करते हैं. गर्मी में जब गहरी जुताई होती है, तो तेज धूप इन जहरीले अंशों को खत्म करने में मदद मिलती है.

पानी को सोखने की ताकत

गर्मी में जुताई करने से बरसात का पानी बहेगा नहीं, बल्कि खेत उसे सोख लेगा. इसका नतीजा ये होता है कि मिट्टी की नमी बढ़ती है और खरीफ की फसल को इसका सीधा फायदा मिलता है.

मिट्टी को मिलती है सांस

लगातार ट्रैक्टर और सिंचाई से मिट्टी दब जाती है, जिससे उसमें हवा का आना-जाना रुक जाता है. लेकिन जब हम गहरी जुताई करते हैं, तो मिट्टी खुल जाती है, फूली-फूली लगने लगती है और हवा की आवाजाही शुरू हो जाती है. इससे जड़ें ज्यादा मजबूत होती हैं और फसल बेहतर बढ़ती है.

बनती है खाद

रबी या जायद की फसल के बाद खेत में बचे डंठल, पत्ते और अवशेष जब गहरी जुताई से मिट्टी में मिल जाते हैं, तो बरसात में सड़कर ये बढ़िया जीवांश खाद बन जाते हैं. इससे आपको बाहर से खाद लाने की जरूरत भी कम पड़ती है.

कैसे करें गर्मी में जुताई?

जुताई के लिए सबसे अच्छा समय मई-जून का रहता है. इसके लिए खेत की ढलान के विपरीत दिशा में जुताई करें, ताकि बारिश का पानी खेत में ही रुके और बह न जाए. लेकिन ध्यान रहे हल्की और रेतीली जमीन में बहुत ज्यादा जुताई न करें, नहीं तो मिट्टी उड़ जाएगी.

Published: 15 Apr, 2025 | 03:36 PM

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