सरकार ने दिया CBG खाद को उर्वरक का दर्जा, जैविक खेती को मिलेगा बढ़ावा
यह कदम रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करने और जैविक खेती को बढ़ावा देने की सरकार की योजना का हिस्सा है. इससे मिट्टी की गुणवत्ता सुधरेगी, जल संरक्षण में मदद मिलेगी और जैविक खेती तेजी से आगे बढ़ेगी.

सरकार ने भारत में खेती को और ज्यादा पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ बनाने के लिए एक अहम फैसला लिया है. कृषि मंत्रालय ने उर्वरक आदेश, 1985 में बदलाव करके ऑर्गेनिक कार्बन एनहांसर को आधिकारिक तौर पर उर्वरक की एक नई श्रेणी में शामिल कर लिया है. खास बात यह है कि यह जैविक खाद संपीड़ित जैव गैस (CBG) संयंत्रों से मिलेगी, जिससे जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा और खेती ज्यादा लाभदायक व टिकाऊ होगी.
CBG खाद को मिला उर्वरक का दर्जा
सरकार ने फरवरी में एक नया आदेश जारी किया, जिसमें नैनो उर्वरकों और ऑर्गेनिक कार्बन एनहांसर को कानूनी रूप से उर्वरक माना गया है. इसके अलावा सरकार ने जैविक खादों की नई श्रेणियां और उनके मानक तय किए हैं, जिससे किसान अब इनका अधिक उपयोग कर सकेंगे.
खेती में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद
सरकार के अनुसार, ‘ऑर्गेनिक कार्बन एनहांसर’ वह जैविक सामग्री होती है, जो CBG संयंत्रों में फरमेंटेशन प्रक्रिया से तैयार होती है. यह खाद मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाने और पौधों के लिए जरूरी पोषण बनाए रखने में मदद करती है.
यह कदम रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करने और जैविक खेती को बढ़ावा देने की सरकार की योजना का हिस्सा है. इससे मिट्टी की गुणवत्ता सुधरेगी, जल संरक्षण में मदद मिलेगी और जैविक खेती तेजी से आगे बढ़ेगी.
बायोगैस और जैविक खेती को मिलेगा बढ़ावा
सरकार के इस फैसले का इंडियन फेडरेशन ऑफ ग्रीन एनर्जी (IFGE) ने स्वागत किया है. उनके अनुसार, ‘फरमेंटेड ऑर्गेनिक मैन्योर (FOM)’ और ‘लिक्विड फरमेंटेड ऑर्गेनिक मैन्योर (LFOM)’ जैसे उत्पाद मिट्टी के स्वास्थ्य को बेहतर बनाएंगे और किसानों को अधिक पैदावार में मदद करेंगे.
IFGE के महानिदेशक संजय गंजो ने कहा कि वे लंबे समय से इस फैसले की मांग कर रहे थे और अब सरकार ने इसे लागू कर दिया है, जिससे किसानों को फायदा होगा और CBG उद्योग को मजबूती मिलेगी.
मिट्टी की उर्वरता और जलवायु संरक्षण में मदद
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कई जगहों पर मिट्टी में जैविक कार्बन की कमी देखी गई है. अब इस नए ‘कार्बन एनहांसर’ के इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरता सुधरेगी, जल धारण क्षमता बढ़ेगी और जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद मिलेगी.
बायोगैस उद्योग को भी होगा फायदा
भारतीय बायोगैस संघ (IBA) ने सुझाव दिया है कि सरकारी उर्वरक कंपनियां फरमेंटेड ऑर्गेनिक मैन्योर (FOM) के वितरण का जिम्मा लें. इससे बायोगैस उद्योग का विस्तार होगा और आने वाले समय में भारत 7 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष जैविक खाद का उत्पादन कर सकेगा, जो राजस्थान जैसे बड़े राज्यों की जरूरतें पूरी करने में सक्षम होगी. इस नए फैसले से किसानों को अधिक लाभ, मिट्टी को अधिक पोषण और पर्यावरण को अधिक सुरक्षा मिलेगी.