क्या भारत में हड्डियों की राख से साफ की जाती है चीनी? सच जानकर चौंक जाएंगे
बोन चार यानी जानवरों की हड्डियों को जला कर बनाई गई राख. इससे चीनी का रंग और टेक्सचर और बेहतर बनता है.

चीनी, जी हां, वही जो आप रोज चाय में डालते हैं, मीठे पकवानों में इस्तेमाल करते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये मीठी सी चीनी मांसाहारी हो सकती है? सुनकर अजीब लगा ना? दरअसल, अक्सर ये सुनने में मिलता है कि चीनी मांसाहारी है, क्योंकि इसे सफेद बनाने के लिए इसमें जानवरों की हड्डियों का इस्तेमाल किया जाता है. तो चलिए आज इसी बारे में जानते हैं, वो भी बिल्कुल आसान भाषा में.
सफेद चीनी बनती कैसे है?
सफेद चीनी ज्यादातर गन्ने से बनाई जाती है, और गन्ना तो एक पौधा है, यानी पूरी तरह शाकाहारी. तो फिर मांसाहारी कैसे हो गई? असल में दिक्कत वहां आती है जब इस चीनी को ‘एकदम सफेद’ और ‘चमकदार’ बनाने के लिए कुछ फैक्ट्रियां उसमें बोन चार (हड्डी की राख) का इस्तेमाल करती हैं.
बोन चार क्या होता है?
बोन चार यानी जानवरों की हड्डियों को जला कर बनाई गई राख. इसका इस्तेमाल कुछ देश, जैसे अमेरिका, चीन अपनी चीनी को साफ करने के लिए करते हैं. इससे चीनी का रंग और टेक्सचर और बेहतर बनता है. इसलिए कई शुद्ध शाकाहारी और वीगन लोग सफेद चीनी को ‘नॉन-वेज’ मानते हैं.
भारत की चीनी क्या मांसाहारी है?
आपके मन में अब ये सवाल जरूर आया होगा कि क्या भारत में भी चीनी बनाने के लिए बोन चार का इस्तेमाल होता है? तो जवाब है नहीं, भारत में ज्यादातर चीनी मिलें हड्डियों की राख का इस्तेमाल नहीं करतीं. यहां या तो लकड़ी, नारियल के कोयले, या फिर आधुनिक सिंथेटिक फिल्टर का इस्तेमाल किया जाता है. यानि भारत की चीनी आमतौर पर शुद्ध शाकाहारी होती है. अगर फिर भी आप पूरी तरह से सुनिश्चित रहना चाहते हैं, तो ऑर्गेनिक या अनरिफाइन्ड विकल्प चुन सकते हैं.
पूरी तरह शुद्ध शाकाहारी चीनी
अगर आपके मन में फिर भी वहम हो तो आप कोकोनट शुगर (नारियल चीनी), डेट शुगर (खजूर चीनी), मुस्कोवाडो या डेमेरारा शुगर, ऑर्गेनिक या अनरिफाइन्ड शुगर या फिर शहद, खजूर का सिरप, गुड़, मेपल सिरप जैसे प्राकृतिक विकल्प अपना सकते हैं.