Earth Day: धरती के घूमने से खेती कैसे होती है प्रभावित, समझिए आसान भाषा में

धरती के घूमने से समुद्र की धाराएं बनती हैं, जो पूरे धरती पर तापमान और मौसम को नियंत्रित करती हैं.

Earth Day: धरती के घूमने से खेती कैसे होती है प्रभावित, समझिए आसान भाषा में
नई दिल्ली | Updated On: 22 Apr, 2025 | 01:08 PM

धरती का घूमना (रोटेशन) खेती पर बड़ा असर डालता है. यह दिन-रात का चक्र, तापमान, नमी और समुद्री धाराओं को प्रभावित करता है, जिससे फसलों की बढ़त, मिट्टी की सेहत और खेती करने के तरीके बदलते हैं.

आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि कैसे धरती का घूमना खेती को प्रभावित करता है:

दिन-रात और तापमान में बदलाव

धरती के घूमने से दिन और रात होते हैं. इससे तापमान और नमी में बदलाव आता है. यह फसलों की बढ़त और उनके विकास को सीधे प्रभावित करता है, खासकर उन इलाकों में जहां दिन और रात के तापमान में बड़ा अंतर होता है.

समुद्री धाराएं और मौसम

धरती के घूमने से समुद्र की धाराएं बनती हैं, जो पूरे धरती पर तापमान और मौसम को नियंत्रित करती हैं. अगर ये धाराएं बदलती हैं, तो बारिश और मौसम का पैटर्न भी बदल सकता है, जिससे खेती पर असर पड़ता है.

मिट्टी की सेहत और कटाव

मिट्टी की सेहत को ठीक रखने के लिए हर साल अलग-अलग फसलों को उगाना जरूरी होता है. इससे मिट्टी की ताकत बनी रहती है और बारिश या हवा से कटाव भी कम होता है. यही तरीका जमीन को लंबे समय तक उपजाऊ बनाए रखने में मदद करता है.

फसल चक्र और पोषक तत्व

फसल चक्र में हर साल अलग-अलग फसलें बोई जाती हैं. इससे मिट्टी में पोषक तत्व वापस आते हैं, कीट और बीमारियां कम होती हैं और मिट्टी की सेहत अच्छी बनी रहती है.

पानी की बचत

फसल चक्र अपनाने से मिट्टी में जैविक तत्व बढ़ते हैं, जिससे पानी जमीन में अच्छे से समा जाता है और बहता नहीं है. इससे सिंचाई में पानी की बचत होती है, जो पानी की कमी वाले इलाकों में बहुत जरूरी है.

जलवायु परिवर्तन और खेती

जलवायु परिवर्तन (Climate Change) से तापमान, बारिश और तूफानों में बदलाव आ सकता है, जिससे फसलें, पशुपालन और खाद्य सुरक्षा पर असर पड़ सकता है. खेती से निकलने वाली गैसें भी जलवायु को प्रभावित करती हैं.

Published: 22 Apr, 2025 | 12:06 PM

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