युवाओं को खेती से जोड़ने के लिए नया कोर्स लाया ICAR, नेचुरल फार्मिंग में डिग्री मिलेगी
देश के युवाओं को खेती से जोड़ने और कृषि क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए ICAR एक नया कोर्स लेकर आया है. इस कोर्स के तहत युवाओं को नेचुरल फार्मिंग यानी प्राकृतिक खेती में ग्रेजुएशन की डिग्री दी जाएगी.

देश के युवाओं को कृषि क्षेत्र की ओर बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार कई तरह के रोजगार अवसर और कृषि संबंधी कोर्स लेकर आती है. अब इसी कड़ी में देश के युवाओं को खेती से जोड़ने और कृषि क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए ICAR एक नया कोर्स लेकर आया है. इस कोर्स के तहत युवाओं को नेचुरल फार्मिंग यानी प्राकृतिक खेती में ग्रेजुएशन की डिग्री दी जाएगी. इस डिग्री की मान्यता प्राप्त करने के बाद युवाओं के लिए कृषि से संबंधित सभी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर खुल जाएंगे. इसके साथ ही देश के युवाओं का रूझान खेती -किसानी की ओर बढ़ेगा. तो चलिए इस खबर में बात कर लेंते हैं क्या है यह नया कोर्स, क्या है इसकी मान्यता और इस कोर्स की अवधि क्या है.
प्राकृतिक खेती में बीएससी कृषि ऑनर्स
कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉक्टर सीएल मौर्या ने जानकारी देते हुए बताया कि युवाओं के लिए प्राकृतिक खेती में बीएससी ऑनर्स कोर्स की शुरुआत की गई है. बता दें कि इस कोर्स को ICAR से मान्यता प्राप्त है. इस कोर्स के माध्यम से युवाओं को फसल उत्पादन , मिट्टी से जुड़ी जानकारी यानी मृदा विज्ञान और लंबी और टिकाऊ खेती करने की जानकारी देने पर जोर दिया जाएगा. इसके साथ ही बता दें कि यह कृषि विज्ञान में एक स्नातक स्तर का चार साल का कोर्स है.
ICAR launched new course in Agriculture
कोर्स की विशेषताएं
प्राकृतिक खेती में बीएससी कृषि ऑनर्स चार साल का कोर्स है, जिसमें आठ सेमेस्टर होंगे. इस कोर्स में फसल उत्पादन, मृदा विज्ञान, कृषि विज्ञान, कृषि अर्थशास्त्र, कृषि सूक्ष्म जीव विज्ञान, कीट विज्ञान, पादप रोग विज्ञान, कृषि विस्तार, कृषि व्यवसाय प्रबंधन आदि विषय शामिल हैं. इसके साथ ही यह कोर्स के माध्यम से प्राकृतिक खेती के तरीकों, जैसे कि जैविक खेती, जल संरक्षण, और जलवायु-अनुकूल कृषि पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. इस कोर्स की खास बात यह है कि इसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) से मान्यता प्राप्त है.
खुलेंगे रोजगार के अवसर
कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉक्टर सीएल मौर्या का कहना है कि इस कोर्स की मदद से युवाओं के लिए रोजगार के कई नए अवसर खुलेंगे. जो भी युवा इस कोर्स में दाखिला लेंगे वे इस कोर्स के बाद आप कृषि अनुसंधान, कृषि विस्तार, कृषि व्यवसाय, कृषि सलाहकार, कृषि पत्रकारिता, और अन्य संबंधित क्षेत्रों में काम करने के योग्य होंगे. इस कोर्स को बनाने वाली समिति ने बुनियादी कौशल वृद्धि पाठ्यक्रम, एक्सपोजर विजिट और केस स्टडी पर खास जोर दिया है.