हरियाणा में मूंग की खेती को बढ़ावा, किसानों को मिलेगी 75% बीज सब्सिडी

कृषि विभाग ने किसानों को एक चेतावनी भी दी है. अगर किसान बीज मिलने के बाद खेती नहीं करते हैं, तो उन्हें 75% सब्सिडी की राशि वापस करनी पड़ेगी.

हरियाणा में मूंग की खेती को बढ़ावा, किसानों को मिलेगी 75% बीज सब्सिडी
Noida | Published: 26 Mar, 2025 | 04:31 PM

हरियाणा सरकार ने राज्य में मूंग की खेती को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल शुरू की है. सरकार का उद्देश्य दालों की खेती को बढ़ावा देना और किसानों को अधिक लाभ पहुंचाना है. इसके लिए कृषि और किसान कल्याण विभाग ने 2025-26 सीजन में मूंग की खेती के लिए 1 लाख एकड़ भूमि पर फसल उगाने का लक्ष्य रखा है. इस योजना के तहत, किसानों को 75% सब्सिडी पर गर्मी मूंग के बीज दिए जाएंगे.

कौन से जिलों को होगा फायदा

इस योजना के तहत कुरुक्षेत्र, भिवानी, पलवल और सिरसा जैसे जिलों को सबसे अधिक 8,000 एकड़ की खेती का लक्ष्य दिया गया है. इसके अलावा, फतेहाबाद, जिंद और रेवाड़ी को 7,000 एकड़ का लक्ष्य, करनाल और सोनीपत को 6,000 एकड़ और कैथल व हिसार को 5,000 एकड़ का लक्ष्य मिला है. अन्य जिलों को 1,000 से लेकर 4,500 एकड़ तक के लक्ष्य सौंपे गए हैं.

योजना के फायदे

इस योजना का मुख्य उद्देश्य दो बातों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है. पहला मूंग की खेती से मिट्टी में उर्वरकता बढ़ती है, जिससे भविष्य में अन्य फसलों की अच्छी पैदावार होती है, और दूसरा मूंग की खेती से किसान गेहूं की कटाई और धान की बुआई के बीच एक अतिरिक्त फसल उगाकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं. दरअसल, गर्मी मूंग की फसल एक कम समय में तैयार होने वाली फसल है. किसान इससे प्रति एकड़ 4 से 5 क्विंटल तक मूंग प्राप्त कर सकते हैं और दालों की बाजार में उच्च मांग के कारण अतिरिक्त आय हो सकती है.

कैसे करें पंजीकरण?

इस योजना में भाग लेने के लिए इच्छुक किसान 26 मार्च से 20 अप्रैल तक कृषि विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं. पंजीकरण के बाद, हरियाणा बीज विकास निगम (HSDC) द्वारा किसानों के दस्तावेजों की जांच की जाएगी. जांच के बाद, किसान केवल 25% राशि का भुगतान करके मूंग के बीज ले कर सकते हैं. बाकी 75% राशि सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में दी जाएगी. एक किसान को 3 एकड़ भूमि के लिए 30 किलो बीज मिल सकेंगे.

बीज मिलने के बाद ध्यान रखें

कृषि विभाग ने किसानों को एक चेतावनी भी दी है. अगर किसान बीज मिलने के बाद खेती नहीं करते हैं, तो उन्हें 75% सब्सिडी की राशि वापस करनी पड़ेगी. इसके साथ ही बीज लेकर खेती न करने वाले किसानों को अगले दो फसल सत्रों के लिए कृषि विभाग की किसी भी सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा.

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