किसान आंदोलन में गुरुवाणी खंडित करने का मुद्दा गरमाया, अकाल तख्त पहुंचा मामला
किसान आंदोलन के दौरान खनौरी मोर्चे पर पंजाब प्रशासन की ओर से 19 मार्च को की गई कार्रवाई के दौरान गुरुवाणी खंडित होने के मामले ने तूल पकड़ लिया है.

किसान आंदोलन के दौरान खनौरी मोर्चे पर 19 मार्च को पंजाब प्रशासन की कार्रवाई में गुरुवाणी पाठ खंडित करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. किसान नेता लखविंदर औलख ने इस मामले को श्री अकाल तख्त में दर्ज कराया है. उनका आरोप है कि पंजाब सरकार के दमनकारी रवैये और कार्रवाई में सुखमनी साहिब गुरुवाणी के पाठ को खंडित किया गया है. किसान नेता गुणी प्रकाश ने गुरुवाणी खंडित करने के मामले पर पंजाब प्रशासन की निंदा की है और सीएम भगवंत मान से माफी मांगने की मांग की है. बता दें कि सिख धर्म में श्री अकाल तख्त सुप्रीम पॉवर है और धार्मिक मामलों में वहां से जरूरी फैसले लिए जाते हैं.
हरियाणा में भारतीय किसान एकता के प्रदेश अध्यक्ष लखविन्दर सिंह औलख ने आरोप लगाया है कि 19 मार्च को पंजाब सरकार के निर्देश पर किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया और उसी दिन रात में और अगले दिन खनौरी और शंभू सीमा पर किसानों के अस्थाई टेंट तोड़ दिए गए. उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई के दौरान खनौरी सीमा पर मोर्चे से काफी दूर जगजीत सिंह डल्लेवाल के बेहतर स्वास्थ्य के लिए सुखमनी साहिब की गुरुवाणी चल रही थी. उनका आरोप है कि वहां पर पाठ कर रहे ग्रंथी और माता जी को पाठ करने से रोका गया और पाठ को खंडित किया गया है.
गुरुवाणी खंडित करने का मामला अकाल तख्त पहुंचा
किसान नेता लखविन्दर सिंह औलख ने बताया कि वह अमृतसर में श्री अकाल तख्त जा रहे हैं और उनके साथ उस दिन गुरुवाणी का पाठ कर रहीं माताजी भी उनके साथ जा रही हैं. किसान नेता ने कहा कि यह गुरुग्रंथ साहिब की वाणी को खंडित किया गया है. उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत वह करने जा रहे हैं. उनके साथ मौजूद माताजी ने बताया कि पूरी धार्मिक मर्यादा से गुरुवाणी का जाप चल रहा था, लेकिन उसे रात 8 बजे बंद कराया गया. किसान नेता ने बताया कि अकाल तख्त मामले में जांच पड़ताल के बाद फैसला लेगा.
सीएम भगवंत मान माफी मांगे- गुणी प्रकाश
गुरुवाणी खंडित करने के आरोप पर हरियाणा के बड़े किसान नेता और एमएसपी कमेटी के सदस्य गुणी प्रकाश ने कहा कि पंजाब सरकार ने यह घृणित कार्य किया है. उन्होंने कहा कि भगवंत मान बड़ा पाप कर बैठे हैं. गुणी प्रकाश ने कहा कि इस तरह के कार्यों से तनाव बढ़ेगा. हम उसकी निंदा करते हैं. इसके लिए सीएम भगवंत मान माफी मांगें.
lakhwinder singh aulakh
अकाल तख्त सुना सकता है सजा
किसान नेता लखविंदर औलख ने कहा कि श्री अकाल तख्त सुप्रीम पॉवर है. पंजाब सरकार या सीएम या प्रशासन को सजा देने उन्होंने टिप्पणी नहीं की. उन्होंने कहा कि फैसला करना अकाल तख्त के अधिकार क्षेत्र का काम है. वह जांच करे और उसके बाद जो भी हो वह निर्णय ले. अकाल तख्त के जत्थेदार फैसला करेंगे. बता दें कि दिसंबर 2024 में एक धार्मिक मामले में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखवीर बादल को जूठे बर्तन और जूते-चप्पल साफ करने की सजा सुनाई गई थी और उनके गले में सेवादार की तख्ती भी टंगी देखी गई थी. उन्होंने पश्चाताप करते हुए अमृतसर स्वर्ण मंदिर में सजा काटी थी.
पश्चाताप के लिए खनौरी कमेटी फिर कराएगी पाठ
लखविंदर औलख ने कहा कि हम भी पश्चाताप करेंगे और अकाल तख्त से माफी मांगेंगे. उन्होंने कहा कि हम गुरुवाणी को खंडित होने से नहीं बचा पाए. इसके लिए पश्चाताप करेंगे और खनौरी कमेटी फिर से गुरुवाणी पाठ और जाप शुरू कराकर पश्चाताप करेगी.